Faridabad NCR
केवल सुनने से नहीं, मानने से होगा संतवाणी का असर : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : श्री सिद्धदाता आश्रम के 32वें स्थापना दिवस एवं संस्थापक वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर कोरोना महामारी के कारण काल कलवित हुए व्यक्तियों की आत्मा को मुक्ति प्रदान करने की प्रार्थना भगवान श्रीलक्ष्मीनारायण जी से की गई।
इस अवसर पर अधिष्ठाता जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य ने संक्षिप्त संदेश में कहा कि संतों की वाणी को केवल सुनने से नहीं, उनको मानने से असर होगा। उन्होंने कहा कि बड़े बाबा ने आश्रम की स्थापना मानव कल्याण के लिए की है। उन्होंने कहा था कि शरीर तो आना जाना है लेकिन इस स्थान पर इतनी शक्ति रोपित करके जाउंगा कि अनंतकाल तक यहां आने वालों को कृपाएं प्राप्त होती रहेंगी। बाबा ने कहा कि यहां श्रद्धा और विश्वास से आने वालों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होगी ही, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन इसके लिए बाबा की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाना होगा, केवल उन्हें सुनने से काम नहीं बनेगा।
जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि जब जब धर्म की हानि होती है तब तब भगवान अवतार लेकर आते हैं, लेकिन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए वह सदगुरु को अपनी विशेष शक्तियां प्रदान कर भेजते हैं। जो जीवमात्र का कल्याण करते हैं और अपना काम पूरा होने पर भगवान के निजधाम को लौट जाते हैं। ऐसे ही हमारे गुरुदेव वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी थे। स्वामीजी ने कहा कि जो उन्हें निर्मल मन से मानेगा और उनकी शिक्षाओं का अनुकरण करेगा, उसके जीवन में आनंद भी जरूर उपजेगा।
इससे पूर्व उन्होंने स्वामीजी की समाधि एवं मंदिर पर विशेष पूजन किया और षोडश उपचार विधि से वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की उत्सव प्रतिमा का अभिषेक किया। उनकी पालकी भी अर्चकों के सहयोग से निकाली गई। कोरोना महामारी के कारण इसका लाइव प्रसारण सोशल मीडिया माध्यमों के द्वारा किया गया।