Faridabad NCR
एनपीटीआई देगा 400 प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और प्रशिक्षक करेंगे 25000 डिस्कॉम कर्मचारियों को प्रशिक्षित
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) कॉरपोरेट कार्यालय सेक्टर-33 फरीदाबाद सहित देश के विभिन्न राज्यों में स्थित 10 एनपीटीआई संस्थानों शिवपुरी, गुवाहाटी, नागपुर, बेंगलुरु, नांगल, अलपुझा, नेवेली, दुर्गापुर सहित नई दिल्ली में पीएम-सूर्य घरः मुफ्त बिजली योजना’ को सफल बनाने के लिए ’ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम’ प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण प्रोग्राम का उद्घाटन किया गया। इस प्रोग्राम के तहत एनपीटीआई देश भर में ज्ञान और कौशल के साथ 400 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा, जो बाद में देश भर में 25000 डिस्कॉम कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे। यह लक्ष्य मार्च 2027 तक हासिल किया जाएगा। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विद्युत मंत्रालय के अतर्गत कार्यरत ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड आरईसी से कार्यकारी निदेशक, सुश्री वल्ली नटराजन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) से वैज्ञानिक, सुश्री वसंता वड्डे ठाकुर, वैज्ञानिक, डॉ. अरुण के. त्रिपाठी, एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर और एनपीटीआई फ़रीदाबाद से निदेशक प्रशिक्षण, एनआर हलदर मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस दौरान प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण से संबंधित प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
भारत सरकार ने सोलर रूफटॉप क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा आवासीय घरों को स्वयं बिजली पैदा कर सशक्त बनाने के लिए ’पीएम-सूर्य घरः मुफ्त बिजली योजना’ को मंजूरी दी है। इस योजना पर 75 हजार 21 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके तहत एक करोड़ परिवारों को हर माह प्रति परिवार 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। इसके लिए एक करोड़ घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) जमीनी स्तर पर सोलर रूफटॉप सिस्टम की स्थापना, संचालन, रखरखाव और मरम्मत का प्रशिक्षण देने जा रहा है। डिस्कॉम को बुनियादी ढांचे को उन्नत करना होगा और भारत सरकार उन्हें प्रोत्साहन देगी। पीएम-सूर्य घरः मुफ्त बिजली योजना’ को सफल बनाने में डिस्कॉम की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। जिसके लिए एनपीटीआई देश भर में करीब 25 हजार डिस्कॉम कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगी, यह लक्ष्य मार्च 2027 तक हासिल किया जाएगा। इसके साथ ही एनपीटीआई ज्ञान और कौशल के साथ 400 प्रशिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेगी, जो देश भर में 25000 डिस्कॉम कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे।
केंद्र सरकार की सभी इमारतों पर 2025 तक रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इस योजना में केवल भारत में निर्मित मॉड्यूल ही शामिल किए जाएंगे। इस योजना से सीधे तौर पर 17 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इस योजना के तहत स्थापित क्षमता के माध्यम से 1,000 बिलियन यूनिट अक्षय बिजली का उत्पादन किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप रूफटॉप सोलर परियोजनाओं के लिए 25 साल के जीवनकाल के दौरान 720 मिलियन टन ऑक्सीजन समकक्ष उत्सर्जन में कमी आएगी।
इस अवसर पर एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से पूरा विश्व कोयला, पेट्रोल और डीजल से बनने वाले जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है। जिसके कारण लगातार तापमान बढ़ रहा है और जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। ऐसे में यदि जल्द ही ऊर्जा के स्त्रोतों को नहीं बदला गया तो जलवायु पूरी तरह बदल जाएगी। हमें जल्द ही सौर ऊर्जा, बायोमास और भूतापीय ऊर्जा को बढ़ावा देना होगा और अपनाना होगा। भारत ने भी 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता जोड़ने की प्रतिबद्धता जताई है। बिजली उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है (440 गीगावाट) और ट्रांसमिशन सिस्टम भी कई देशों से बेहतर है। इसी के चलते ’पीएम-सूर्य घरः मुफ्त बिजली योजना’ शुरू की गई है ताकि हर घर अपनी बिजली पैदा कर सके और सभी को मुफ्त में बिजली मिल सके।