Faridabad NCR
मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में अधिकारी हुए बेलगाम : टेकचंद शर्मा
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 04 सितम्बर। शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार काउंसिल चंडीगढ़ एनरोलमेंट कमेटी के चेयरमैन रहे ओ पी शर्मा की पत्नी के दाह संस्कार के अवसर पर उनको पैरोल न दिए जाने के मामले को लेकर अब ब्राह्मण समाज के साथ-साथ छत्तीस बिरादरी में प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। समाज के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि जहां बड़े से बड़े अपराधी को दुख की ऐसी घड़ी में शामिल होने के लिए कानून इजाजत दे देता है, लेकिन ओपी शर्मा को उनकी पत्नी के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए प्रशासन द्वारा अनुमति न देने के मामले प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। इसी मुद्दे पर यहां जारी एक बयान में पृथला विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ ब्राह्मण नेता पं. टेकचंद शर्मा ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि सामाजिक सामरता ही भाजपा की धरोहर है, जिसे यह अधिकारी तोडऩे का काम कर रहे है, जो कि निंदनीय है और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल ही मेें मंत्री ओमप्रकाश यादव पर एसपी द्वारा एफआईआर दर्ज करवाना, टोहाना से जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली द्वारा बिजली के मुद्दे पर बेलगाम अधिकारियों को लताडऩा ये ऐसी घटना है, जो अफसरशाही की मनमानी और लापरवाही दोनों को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि ओपी शर्मा शहर के एक मौजिज व्यक्ति है, न कि कुख्यात अपराधी, जिन्हें अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार लिए भी पैरोल न मिले। उन्होंने कहा कि ओपी शर्मा ने जेल अधीक्षक और जिला उपायुक्त को गुहार लगाई लगाते हुए पत्नी के दाह संस्कारण के लिए चार घण्टों की पैरोल मांगी थी, जबकि चौकी-थानों से उनकी वैरीफिकेशन क्लीयर भी हो गई थी, इसके बावजूद शाम तक उनकी एप्लीकेशन को लटकाए रखा और बाद में मना कर दिया। उन्होंने कहा कि इंसानियत के लिहाज से यह घटना समाज को शर्मसार करने वाली है और इस मामले को लेकर ब्राह्मण समाज के साथ-साथ छत्तीस बिरादरी के लोगों में गहरा रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री के स्वस्थ्य होने के बाद समाज के मौजिज लोगों के साथ उनसे मुलाकात करेंगे और इसे पूरे मामले से उन्हें अवगत करवाएंगे क्योंकि जहां सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में भाईचारा कायम रहे, लेकिन ऐसी घटनाओं से भाईचारे की भावना कमजोर होती है।