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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : शब्द यात्रा ने स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के तत्वाधान में बाली स्थित भारतीय उच्चायोग में हिंदी दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सम्मिलन का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी विवेकानंद संस्कृतिक केंद्र के माननीय निदेशक श्री नवीन मेघवाल जी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में काउंसलेट जनरल डाॅ शंशाक विक्रम उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बाली से पद्मश्री इंद्रा आगुस उड्डीयाना तथा पद्मश्री आई वायन डिबिया ने मंच की शोभा बढ़ाई।
बाली में स्थित भारतीय काउंसलेट के महावाणिज्य दूत डॉ शशांक विक्रम ने अपने भाषण में बताया की हिंदी का स्थान विश्व में बहुत ऊंचा है,हमें चाहिए कि हम अपने बच्चों को हिंदी बोलने और लिखने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने शब्द यात्रा के प्रयासों की सराहना की और अध्यक्ष श्रीमती शारदा मित्तल और महासचिव प्रीति मिश्रा को सम्मानित किया। स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के माननीय निदेशक श्री नवीन मेघवाल जी ने शब्द -यात्रा की पूरी टीम का स्वागत किया तथा हिन्दी की प्रतिदिन बढ़ती लोकप्रियता पर अपना वक्तव्य दिया।
द्रोणाचार्य काॅलिज की प्रो. मीनाक्षी पाण्डेय के कुशल संचालन में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रख्यात कवयित्री शारदा मित्तल की पुस्तक मनवा भयो फ़कीर में संकलित दोहों पर संजीव पाठक द्वारा बनाई गई ऑडियो का लोकार्पण किया गया जिस में स्वर एवं म्यूजिक श्री अंजन भट्टाचार्य का रहा। कार्यक्रम के प्रतिभागियों के नाम इस प्रकार हैं – डॉ कृष्णा आर्य,राकेश रायजादा, डॉ रेखा मित्तल, अपर्णा सिंह,संगीता सिंह,सुनीति मिश्रा, चित्रा भटनागर, शारदा यादव, शोभा गुप्ता, सीमा कंसल, स्वस्तिका शाहू, सविता सैनिया, सिम्मी मालवीय,शोभा कस्तूरी,दीप्तिमान यादव,अक्षय मालवीय,शरद गुप्ता,संजीव पाठक,आभा सिंह, डॉ अनिरुद्ध पाण्डेय, राजेन्द्र कुमार सिंह, कपिल मलिक, नीलम मलिक,हिमांशी चोपड़ा, डॉ सोनिया बंसल, बरखा यादव, डॉ जयदीप, डॉ सीमा बंसल, डॉ रश्मि चौहान,मानसी चोपड़ा ,पूजा नारंग एवं बाली के लोक कलाकारों ने भी अपनी लोक कलाओं का शानदार प्रदर्शन किया।
दो सत्रों में चले इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र की अध्यक्षता श्रीमती विधु कालरा ने की ।वहींश्री मुकेश गंभीर डायरेक्टर रेडियो बूज मुख्यअतिथि रहे। सभी कलाकारों एवं साहित्यकारों को सम्मान पत्र प्रदान किए गये। इस अवसर पर शब्द-यात्रा द्वारा हिंदी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकारों के चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई । निबंध प्रतियोगिता, कविता, स्लोगन एवं गायन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए गए।