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Faridabad NCR

पांच दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस शिविर के चौथे दिन जूनियर्स को मोबाइल के दुष्प्रभाव, स्वच्छता, प्राथमिक सहायता, कपड़ा अपशिष्ट इत्यादि के बारे में जानकारी दी गयी

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : उपायुक्त एवम अध्यक्ष ज़िला रैड क्रॉस सोसाइटी फरीदाबाद विक्रम सिंह के निर्देशानुसार दिनांक 21.10.2024 से 25.10.2024 तक राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी 5 फरीदाबाद के प्रांगण में चल रहे जूनियर रेडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के चौथे दिन दिनांक 24/10/2024 का आरंभ का आरंभ बिजेन्द्र सोरोत सचिव जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के मार्गदर्शन मे और जिला प्रशिक्षण अधिकारी श्री पुरुषोत्तम सैनी के नेतृत्व मे हुआ।
डॉ सुषमा गुप्ता, वाईस चेयरपर्सन, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, हरियाणा राज्य शाखा, चंडीगढ़ ने जिला रेडक्रॉस सोसाइटी फरीदाबाद द्वारा चलाये जा रहे पांच दिवसीय जूनियर रेडक्रॉस कैंप का दौरा किया। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि रेड क्रॉस सोसाइटी एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो स्वास्थ्य सेवा मित्रता के साथ-साथ मानवता भेदभाव रहित स्वतंत्र निष्पक्षता तटस्थता एकता स्वैच्छिक सेवा भाव से तत्पर आमजन के भाव जागरूकता के भाव जगाती हैं।
डॉ दुर्गेश, प्रवक्ता नेहरू कॉलेज, फरीदाबाद के द्वारा मोबाइल के दुषप्रभावो के बारे में सभी प्रतिभागियों को जागरूक करते हुए बताया कि मोबाइल फोन आज व्यक्ति की आदत बन गई है। कोई भी व्यक्ति मोबाइल के बिना अपने आप को अधूरा मानने लगता है।मोबाइल फोन से निकलने वाले इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों से डीएनए क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अलावा मोबाइल का अधिक इस्तेमाल आपको मानसिक रोगी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, डायबिटिज, ह्रदय रोग आदि कई बड़ी बीमारियाँ भी दे सकता है, इसलिए मोबाइल फ़ोन का कम से कम उपयोग करना चाहिए।
रिया स्टाफ नर्स के द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और इसे हम बचपन से सीखते आए हैं और उम्र के साथ ये हमारी आदत बन जाती है। हम बचपन से अन्य व्यवहार जैसे बोलना, चलना सीखते हैं ठीक इसी प्रकार हमें सफाई की भी शिक्षा दी जाती है, इसका उदाहरण आप उस छोटे बच्चे से ले सकते हैं, जिसे जब भी शौच जाना हो तो बिस्तर पर करने के बजाए रोने लगता है। हम चाहे जिस उम्र मे हों स्वच्छता सदैव हमारे साथ चलती है। हमें जीवनभर स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
दर्शन भाटिया, मास्टर ट्रेनर प्राथमिक चिकित्सा प्रवक्ता ने जूनियर्स को प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग दी और बताया कि टूटी हुई हड्डी वाले व्यक्ति को चोट वाले स्थान को अपने हाथ से सहारा दें, या अनावश्यक हरकत को रोकने के लिए तकिया या कपड़े का उपयोग करें। चोट को सहारा देने से दर्द से राहत मिल सकती है और आगे की क्षति को रोका जा सकता है। यदि संभव हो तो चोट के ऊपर और नीचे के अंग को सहारा दें। व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं या भेजें।
रितु प्रधान नयी सोच ऍन जी ओ की द्वारा छात्रों को स्थिरता और कपड़ा अपशिष्ट के बारे में बताया कि फ़ास्ट फैशन कि वजह से पर्यावरण और समाज को बहुत नुकसान होता है। जबकि प्रदूषण, जल उपयोग, कार्बन उत्सर्जन, मानवाधिकार और लैंगिक असमानता के मामले में फैशन उद्योग के प्रभाव बढ़ रहे है।
युवराज मानव कल्याण सेवा संघ के प्रतिनिधि के पी सिंह के द्वारा बताया कि संगठित अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता की शुरुआत 19वीं सदी के अंत में देखी जा सकती है। मानवीय सहायता में कई तरह की गतिविधियाँ शामिल हैं, जिसमें भोजन सहायता, आश्रय, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या सुरक्षा प्रदान करना शामिल है। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद, 69 देशों में लगभग 216 मिलियन व्यक्तियों को मानवीय सहायता की आवश्यक्ता थी। कोविड-19 महामारी के बाद मानवीय सहायता के कई प्रयास और सुधार किए गए।
परामर्शदाता मोनिका के द्वारा एजुकेशनल काउंसलिंग के बारे में छात्रों को बताया कि एजुकेशनल काउंसलिंग के बारे में बताया गया।
सरोज बाला अध्यापिका के द्वारा शिक्षा विभाग कि तरफ से मुख्य अतिथि सुषमा गुप्ता, वाईस चेयरपर्सन, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, हरियाणा राज्य शाखा, चंडीगढ़ का इस शिविर में उपस्तिथ होकर छात्रों का उत्साह वर्धन करने के लिए धन्यवाद किया
डॉ एम पी सिंह शिविर सयोंजक के द्वारा मोटिवेशन स्पीच देकर विधार्थियों का उत्साह बढ़ाया तथा गायन प्रतियोगिता के साथ चौथे दिन के शिविर को समापत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से मीनू कौशल, दर्शन भाटिया, अरविंद शर्मा, मनदीप, सरोज बाला व अन्य रेडक्रॉस स्टाफ एवं स्कूल स्टाफ ने पूर्ण सहयोग दिया।

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