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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : अंकुश मिगलानी, उपाध्यक्ष वं महेश जोशी, महासचिव भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी हरियाणा राज्य शाखा चंडीगढ़ से प्राप्त निर्देशानुसार एवं विक्रम सिंह, उपायुक्त एवं प्रधान जिला रेडक्रॉस सोसायटी फरीदाबाद के कुशल मार्गदर्शन व एवं सचिव बिजेंद्र सौरोत के नेतृत्व में दिनांक 09.09.25 से 13.09.25 तक के० एल० मेहता दयानन्द महिला महाविद्यालय, ऍन० आई० टी० 3, फरीदाबाद के प्रांगण में चल रहे यूथ रेडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन दिनांक 10/09/2025 का आरंभ रेडक्रॉस प्रार्थना के साथ हुआ।
दुसरे दिन सचिव जिला रेडक्रॉस सोसाइटी फरीदाबाद बिजेंद्र सौरोत के द्वारा युवाओं को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देशय युवा स्वयंसेवकों में नेतृत्व क्षमता और व्यक्तित्व विकास करना, स्वयंसेवकों को समाज में प्रचलित वर्तमान परिदृश्य से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित करना, समुदाय में रक्त और अंग दान करने के लिए जागरूकता पैदा करना, स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण बनाए रखने के लिए स्वयंसेवकों को प्रेरित करना है।
ब्रह्मकुमारी से कुमारी पूनम, सीनियर राजयोगा मैडिटेशन के द्वारा सकारात्मक बदलाव लाने के लिए युवा को क्या क्या करना चाहिए इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मानवता एवं समाज के लिए उच्चतम मानकों एवं स्तर पर निस्वार्थ सेवा और स्वयं सेवा के लिए युवाओं को तैयार तथा प्रोत्साहित करना चाहिए । समावेशी विकास की दिशा में युवाओं को सशक्त करना जिससे कि वे अग्रणी भूमिका निभा सकें तथा सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सुशासन हेतु अपेक्षित परिवर्तन के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकें।
मनोज बंसल, सदस्य भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी हरियाणा राज्य स्वैच्छिक रक्तदान समिति द्वारा रक्तदान करने के बारे में जागरूक किया उनके द्वारा बताया गया कि रक्तदान से शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान से किसी व्यक्ति की जान बच सकती है। इसके अलावा सबसे आवश्यक बात, रक्तदान को लेकर चली आ रही अफवाहों के बारे में विशेषज्ञ स्पष्ट करते हैं कि इससे बिल्कुल कमजोरी नहीं आती है।
एम सी धीमान रेडक्रॉस सोसाइटी के प्राथमिक चिकित्सा प्रवक्ता (पूर्व जिला प्रशिक्षण अधिकारी) द्वारा उपस्थित सभी युवाओं को आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आपदा प्रबंधन एक सुनियोजित प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य प्राकृतिक या मानव-निर्मित आपदाओं के प्रभावों को कम करना, प्रतिक्रिया देना और उनसे उबरना है. इसके चार मुख्य चरण होते हैं: शमन (जोखिम को कम करना), तैयारी (प्रतिक्रिया की क्षमता विकसित करना), प्रतिक्रिया (आपदा के दौरान कार्य करना), और पुनर्प्राप्ति (सामान्य स्थिति में वापस आना). आपदा प्रबंधन में सरकार, संगठन और व्यक्तियों का सामूहिक प्रयास शामिल होता है, और इसका अंतिम लक्ष्य जान-माल की हानि और पर्यावरणीय क्षति को न्यूनतम करना होता है।
के पी सिंह, समाजसेवी द्वारा अपने संबोधन में विद्यार्थियों को आध्यात्मिकता के बारे में जानकारी दी गई आध्यात्मिकता का अर्थ है भौतिक या संसारिक जगत से परे किसी पवित्र या अलौकिक शक्ति या स्वयं से बड़ी किसी चीज़ से जुड़ना, जीवन के अर्थ की खोज करना और आंतरिक शांति प्राप्त करना. यह एक व्यक्तिगत अनुभव है जो धर्मों से परे भी हो सकता है और इसमें आत्म-चिंतन, ध्यान या दूसरों की मदद करना शामिल हो सकता है, जिससे एक सार्थक जीवन जीने में मदद मिलती है।
रेडक्रॉस सोसाइटी फरीदाबाद के प्राथमिक चिकित्सा प्रवक्ता नरेंद्र कुमार के द्वारा युवाओं को रैड क्रॉस के चिन्ह प्रयोग एवं दुरुपयोग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिनेवा कन्वेंशन के तहत, रेडक्रॉस एक संरक्षित प्रतीक है जिसे युद्ध के समय घायल और बीमार लोगों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका दुरुपयोग युद्ध अपराध के बराबर हो सकता है और इससे उन लोगों को जोखिम होता है जिन्हें वास्तव में मदद की ज़रूरत होती है। राष्ट्रीय कानून, जैसे भारत का जिनेवा कन्वेंशन अधिनियम, 1960, भी ऐसे दुरुपयोग पर प्रतिबंध लगाता है और इसके लिए जुर्माना या सामान जब्त करने का प्रावधान करता है। दी गयी। इस अवसर पर सांस्कृतिक फैशन शो प्रतियोगिता करवाई जिसमे 40 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
इस मौके पर कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से इशांक कौशिक, जिला प्रशिक्षण अधिकारी, श्वेता आर्य, वाई आर सी कोऑर्डिनेटर के एल मेहता, अरविन्द शर्मा लिपिक, मनदीप, कंप्यूटर ऑपरेटर, सेवादार युवराज व अन्य रेडक्रॉस स्टाफ व कॉलेज स्टाफ का सहयोग सराहनीय रहा।