Faridabad NCR
‘इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी’ पर एक सप्ताह का पाठ्यक्रम शुरू
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 7 अगस्त। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी’ पर आयोजित एक सप्ताह के लघु अवधि पाठ्यक्रम का आज शुभारंभ हुआ।
उद्घाटन सत्र में जेबीएम ग्रीन एनर्जी सिस्टम्स, गुरुग्राम के सीईओ श्री अरुण कपूर और दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली से प्रो. मुख्तियार सिंह मुख्य वक्ता रहे। सत्र में डीन (संस्थान) प्रो. संदीप ग्रोवर, डीन (एफईटी) प्रो. राजकुमार, कुलसचिव डाॅ. सुनील कुमार गर्ग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की अध्यक्षा डॉ. अंजू गुप्ता, डीन, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष तथा संकाय सदस्य उपस्थित रहे। सत्र का संचालन डॉ. साक्षी कालरा और डॉ. अनुभा गौतम ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद डॉ. अंजू गुप्ता ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के उद्देश्यों और महत्व के बारे में जानकारी दी। सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. ग्रोवर ने तेजी से विकसित हो रहे ऑटोमोटिव और परिवहन उद्योग के संदर्भ में ऐसे पाठ्यक्रमों के आयोजन के महत्वपूर्ण महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का अवसर प्रदान करते है और प्रतिभागियों को ऐसे अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
डीन (एफईटी) प्रो. राज कुमार ने पाठ्यक्रम के आयोजन पर विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते औद्योगिक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बने रहने, सतत परिवहन समाधानों में योगदान देने तथा विद्युतीय गतिशीलता की क्षमता का उपयोग करने के इच्छुक प्रतिभागियों के लिए ऐसे पाठ्यक्रम मूल्यवान संसाधन होते है।
मुख्य वक्ता श्री अरुण कपूर ने ईवी पावर-ट्रेन प्रौद्योगिकियों और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में उभरते व्यावसायिक परिदृश्य के बीच जटिल संबंधों पर जानकारी दी। इस सत्र का उद्देश्य प्रतिभागियों की ईवी पावर-ट्रेनों के तकनीकी पहलुओं की समझ को बढ़ाना और सतत बाजार विकास के लिए व्यावसायिक रणनीतियों पर ज्ञानवर्धन करना था।
प्रो. मुख्तियार सिंह ने नवीकरणीय ऊर्जा के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के एकीकरण पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा ईवी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के बीच संबंध की जानकारी दी। उन्होंने प्रौद्योगिकी के संभावित लाभ और चुनौतियों का वर्णन किया तथा भविष्य की विद्युत गतिशीलता और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों को स्थाई तथा लचीली ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विकसित करने की परिकल्पना पर चर्चा की। इस एकीकरण के द्वारा ऊर्जा स्थिरता, ग्रिड स्थिरता बढ़ाने और परिवहन के समग्र पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के संदर्भों पर भी चर्चा की गई।