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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में कंपोजिट मेटीरियल पर शोध को लेकर आनलाइन कोर्स शुरू

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 27 जुलाई कंपोजिट मेटीरियल पर शोध को लेकर एक सप्ताह का आनलाइन शार्ट टर्म कोर्स आज जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में शुरू हो गया। तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी) परियोजना के अंतर्गत प्रायोजित इस कोर्स का आयोजन मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग और भौतिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस कोर्स में देश के नौ राज्यों के 275 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है, जिसमें विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक, शिक्षक और उद्यमी शामिल है।
कोर्स के उद्घाटन सत्र को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) की राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला , नई दिल्ली के निदेशक डाॅ. डी. के. असवाल मुख्य अतिथि थे तथा सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डाॅ राजकुमार, विज्ञान संकाय के डीन डाॅ आशुतोष दीक्षित तथा कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग भी उपस्थित थे।
सत्र के प्रारंभ में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डाॅ राजकुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डाॅ. असवाल ने अर्थव्यवस्था के समावेशी विकास के लिए सरकार, शिक्षा क्षेत्र, उद्योग और समाज द्वारा सामूहिक प्रयासों करने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. असवाल, जिनके द्वारा सरकार को अकादमिक, उद्योग और समाज के साथ प्रभावी रूप से जोड़ने का मॉडल विकसित किया है, ने अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए देश के एमएसएमई क्षेत्र में स्थिरता लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा की व्याख्या करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक शब्द ही नहीं है, अपितु एक मिशन है, जिसके लिए सभी को सामूहिक रूप से काम करना है।
उन्होंने सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला द्वारा विकसित भारतीय निर्दिश द्रव्य (बीएनडी), भारतीय प्रमाणित संदर्भ सामग्री के बारे में भी जानकारी दी और माप में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बीएनडी के महत्व को बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे बीएनडी राष्ट्रीय प्रत्यायन परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं तथा विश्व व्यापार संगठन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय माप प्रणाली के साथ विश्लेषणात्मक माप में पारगम्यता प्रदान करने में मदद करता है।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने वर्तमान समय में अंतःविषय अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऐसे कोर्स नियमित रूप से आयोजित करने आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कंपोजिट मेटीरियल में शोध उपयोग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, समुन्द्री उद्योग, चिकित्सा उपकरणों तथा ऊर्जा संचयन जैसे क्षेत्रों होता है, इसलिए यह कोर्स इन क्षेत्रों से संबंधित शिक्षाविदों के लिए लाभकारी है।
इससे पहले विभाग की अध्यक्षा डॉ. अनुराधा शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम के दौरान 12 तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिन्हें आईआईटी, एनआईटी और सीएसआईआर जैसे प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा संबोधित किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि कुल प्रतिभागियों में से पाठ्यक्रम में भाग ले रहे 75 प्रतिशत प्रतिभागी अन्य संस्थानों से हैं। सप्ताह भर चलने वाले इस ऑनलाइन कोर्स के आयोजक सचिव डाॅ. निखिल देव है तथा इसका समन्वयन डॉ, अरुण कुमार और डॉ. कौशल कुमार द्वारा किया जा रहा है।

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