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Faridabad NCR

राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए 32325 केसों में से 16986 केसों का हुआ निपटारा आपसी सहमति से : सीजेएम सुकिर्ती गोयल

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 09 दिसम्बर। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ के दिशा निर्देशानुसार हरियाणा में आज शनिवार को प्रत्येक जिला में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। वहीं जिला फरीदाबाद के सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सन्दीप गर्ग की अध्यक्षता एवं निर्देशानुसार, न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती गोयल की देखरेख, में शनिवार को जिला अदालत सेक्टर -12, में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां 32325 केस रखे गए जिनमें से कुल 16986 केसों का निपटारा आपसी सहमति से राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा किया गया। जिनमें मोटर वाइकल दुर्घटना 40 छोटे-मोटे अपराधिक मामले 2196 , चेक बाउंस 664 बिजली से संबंधित 1018, समरी चालान 6400 श्रमिक विवाद 09 केस, 118 वैवाहिक संबंधित, दीवानी 678, बैंक रिकवरी 517 रेवेन्यू 5296 का निपटारा आपसी सहमति से किया गया और सभी व्यक्ति अपने अपने कैस के फैसले से संतुष्ट होते हुए खुशी-खुशी अपने घर गए।

इस लोक अदालत में 10 बेंच लगाए जाएंगे। जिनमें श्री संजय शर्मा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, कुमारी ज्योति लाम्बा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, कुमारी सौरभ गौसाई अतिरिक्त प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट,श्री तैयब हुसैन एलडी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, श्री गगन दीप गोयल न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, श्री सुमित तुरकिया न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, कुमारी अनुराधा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी , अमित नैन न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, श्री तरुण चौधरी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, कुमारी आकृति वर्मा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की राष्ट्रीय लोक अदालत की बेंच बनाई गई थी।

राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए केसों का निपटारा आपसी सहमति से अदालतों द्वारा किया जाता है। जिनमें मोटर वाइकल दुर्घटना, छोटे-मोटे अपराधिक मामले, चेक बाउंस, बिजली से संबंधित, समरी चालान, श्रमिक विवाद और वैवाहिक संबंधित शामिल हैं। वहीं दीवानी, बैंक रिकवरी के, रेवेन्यू के केसों का निपटारा आपसी सहमति से किया जाता है।

सीजेएम सुकीर्ति गोयल ने बताया ने बताया कि लोक अदालत में केस का फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती और कोर्ट फीस वापस हो जाती है। साथ ही केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है। जिससे पैसे व समय की बचत होती है। आपस में प्यार भाव बना रहता है।

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