Faridabad NCR
पदमश्री पुरस्कार विजेता मोहनलाल टेराकोट कला को दे रहे हैं बढावा
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 24 मार्च। राजस्थान के राजसमंद के पदमश्री एवं राष्टï्रीय पुरस्कार विजेता मोहनलाल टेराकोटा कला को निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। 35वें सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय शिल्प मेला में टेराकोटा के स्टॉल पर पर्यटक इस कला को निहारते देखे जा सकते हैं। इनके पुत्र राजेंद्र मोहन को भी इस कला को बढ़ावा देने के लिए राष्टï्रीय अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
शिल्पकार मोहन लाल को टेराकोटा कला को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2012 में पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें यह पुरस्कार तत्कालीन महामहीम राष्टï्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा प्रदान किया गया। उन्हें वर्ष 2003 में सरकार द्वारा शिल्प गुरू पुरस्कार तथा मोहन लाल को 1988 में राष्टï्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। मोहन लाल द्वारा मिट्टïी से अनेक कलाकृतियां तैयार की जा रही हैं, इनमें घरेलू उपयोग की वस्तुएं भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त पशुओं की आकृति के गमले भी बनाए गए हैं। मोहन लाल को राज्यस्तर व अन्य स्तरों पर भी लगभग 20 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। मोहनलाल की पुस्तैनी कला को आगे बढ़ाने उनका पुत्र राजेंद्र मोहन भी शामिल है, जिन्हें वर्ष 2016 में राष्टï्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस स्टॉल पर ग्रामीण जनजीवन से जुड़ी वस्तुओं, जादू का दीया, पक्षियों के घौंसले आदि को प्रदर्शित किया गया है।