Faridabad NCR
पद्मश्री दिलशाद हुसैन धातु कला को देश-विदेश में दिलवा रहे हैं पहचान
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 08 फरवरी। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के 75 वर्षीय दिलशाद हुसैन धातु कला को देश-विदेश में प्रसिद्धि दिलाने में जुटे हैं। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित यह कलाकार अपनी पुस्तैनी कला को तीन पीढियों से परिवर सहित आगे बढा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कलाकार द्वारा बनाया गया धातु का बर्तन जर्मनी यात्रा के दौरान जर्मनी की चांसलर को भेंट किया था। यह कलाकार भी अपनी कलाकृतियों के साथ 37वें सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय शिल्प मेला में पहुंचा है, जिन्हें पर्यटक बारीकि से निहारते देखे जा सकते हैं। मुरादाबाद देशभर में पीतल के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है।
मेला परिसर में स्टॉल संख्या-1224 पर दिलशाद हुसैन ने अपनी धातु की कलाकृतियों को बखूबी प्रदर्शित किया है। इन कलाकृतियों में बर्तन, फ्लावर पॉट, हुक्का आदि शामिल हैं। इस स्टॉल पर पर्यटक 50 रुपए से 20 हजार रुपए तक की सुंदर धातु की कलाकृतियों की खरीददारी में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। दिलशाद के पांचों पुत्र रिहान, फैजल, नौसाद, अनस व साकेत भी अपने पिता के साथ अपनी पुस्तैनी कला को आगे बढा रहे हैं। दिलशाद हुसैन को धातु शिल्प कला को बढावा देने के लिए राष्टï्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा वर्ष 2023 के लिए पद्मश्री अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया है।
स्टॉल 1021 पर उड़ीसा के शिल्पकार द्वारा प्रदर्शित किए गए हैं सच्चे मोती
मेला परिसर में उड़ीसा के बालासोर के शिल्पकार साहू परिवार द्वारा सच्चे मोती का स्टॉल लगाया गया है। इस स्टॉल पर महिलाओं के आभूषण प्रदर्शित किए गए हैं। यह परिवार भी अपनी पुस्तैनी कला को खेती के कार्य के साथ-साथ आगे बढ़ा रहा है। अजय साहू के नेतृत्व में परिवार के अन्य सदस्यगण मेले में पहुंचे हैं। इसके अलावा यह परिवार दिल्ली हाट में भी इन आभूषणों की प्रदर्शनी लगा रहे हैं।