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Faridabad NCR

एनपीटीआई में नीपको और एनएचपीसी एक्जिक्यूट ट्रेनी के लिए आयोजित हुई पेंटिंग वर्कशॉप

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : दुनिया भर में फड़ पेंटिंग के लिए मशहूर दिलीप कुमार जोशी ने सेक्टर 33 स्थित विद्युत मंत्रालय के राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) में नीपको और एनएचपीसी फाउंडेशन बैच के एक्जिक्यूट ट्रेनी को वर्कशॉप में पेंटिंग के गुर सिखाए। यह कार्यशाला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कला से परिचित कराने के उद्देश्य से एनपीटीआई के महानिदेशक हेमंत जैन के दिशा निर्देश पर आयोजित की गई। एनपीटीआई के डिप्टी डायरेक्टर राहुल पांडे ने फड़ पेंटिंग कलाकार दिलीप कुमार जोशी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं प्रशासनिक अधिकारियों के व्यक्तित्व और विकास के साथ-साथ उनकी संवेदनशीलता को भी समृद्ध करती हैं।

कार्यशाला के दौरान नीपको और एनएचपीसी फाउंडेशन बैच के एक्जिक्यूट ट्रेनी प्रतिभागियों ने स्वयं चित्रकारी में भाग लिया और पहली बार हाथों में पेंटिंग ब्रश पकडते हुए अपनी कल्पनाओं को पारंपरिक ढंग से कोरे कागज पर उतारा। यह आयोजन केवल रचनात्मक अभ्यास ही नहीं था, बल्कि एक सांस्कृतिक संवाद भी था। जहाँ विद्युत क्षेत्र के युवा अधिकारी भारतीय लोककला की आत्मा से जुड़े। यह पेंटिंग वर्कशॉप पारंपरिक विषयों और आधुनिक संवेदनाओं के समावेश से भरपूर प्रतिभागियों के लिए एक नई रचनात्मक अनुभव यात्रा साबित हुई।

फड़ पेंटिंग क्या है?
फड़ पेंटिंग राजस्थान की एक पारंपरिक लोक कला है, जिसमें लंबे कपड़े पर लोक देवताओं और नायकों की कहानियों को चित्रित किया जाता है। इन चित्रों को “फड़“ कहा जाता हैं, पारंपरिक रूप से जोशी समुदाय के पुरुष कलाकार फड़ चित्र बनाते है राजस्थान में ये तीन जगहों पर शाहपुर, भीलवारा और चित्तौड़गढ़ में बनाये जाते हैं। यह कला लगभग 700 साल पुरानी है और इसे जोशी परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बड़ा रहा है।

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