Connect with us

Faridabad NCR

पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केंद्र फरीदाबाद द्वारा मासिक संगोष्ठी का आयोजन

Published

on

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 23 मई। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद एवं पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केंद्र फरीदाबाद द्वारा संयुक्त रूप से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें शामिल पूर्व सैन्य अधिकारीयों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति ले कर, लड़ाई और युद्ध संबंधित स्थिति में भारतीय सेनाओं की संयुक्त गतिविधियों के बारे में आवश्यक जानकारी से अवगत कराया। सेना की कार्य पद्धति को विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए नागरिक कर्तव्य का उल्लेख करते हुए युवाओं को सेना में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया गया।
जे.सी.बोस विश्वविद्यालय के बोर्ड रूम में पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केंद्र फरीदाबाद द्वारा ‘हमारी रक्षा सेनाओं को जाने’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें आर्मी से सेवानिवृत्त कर्नल गोपाल सिंह, वायुसेना से सेवानिवृत एयर वाइस मार्शल एस. के.शर्मा और नेवी वेट्रन से सेवानिवृत्त फ्लाइट लेफ्टिनेंट गजराज सिंह मुख्य वक्ता रहे और कुलपति प्रो.सुशील कुमार तोमर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संगोष्ठी आयोजन में शिक्षाविद डॉ.सविता भगत एवं प्रो. आशुतोष निगम और मंच संचालक सहायक प्रोफेसर डॉ.सोनिया हुड्डा की विशेष भूमिका रही।
आर्मी से सेवानिवृत कर्नल गोपाल सिंह ने उद्बोधन में कहा कि हम सभी की जननी धरती मां है। मां की रक्षा सुरक्षा की हम सभी की नैतिक जिम्मेवारी। उन्होंने युवाओं को राष्ट्रहित में सेना सेवा कार्य को करियर के रूप में अपनाने का आह्वान किया। कर्नल सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों के ठिकाने को ध्वस्त करने के लिए भारतीय सेनाओ की संयुक्त कार्यवाई थी न की युद्ध। उन्होंने उदहारण देकर लड़ाई और युद्ध के अंतर को भी समझाया।
सेवानिवृत एयर वाईस मार्शल एस.के.शर्मा ने भारतीय वायु सेना की स्थापना से लेकर उसकी सभी इकाई के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वदेशीकरण के बिना कोई भी राष्ट्र आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। श्री शर्मा ने उपस्थित जनों एवं युवाओं को वायु सेना की युद्ध नियमों की विस्तृत जानकारी दी।
नेवी वेट्रन से सेवानिवृत फ्लाइट लेफ्टिनेंट गजराज सिंह ने अपने ओजस्वी भाषण से सभी में जोश भर दिया। उन्होंने अपने वक्तव्य में भारतीय नेवी के इतिहास और लड़ाई के दौरान उसकी मूवमेंट पद्धति को विस्तारपूर्वक बताया। श्री सिंह ने बताया कि नेवी अपने युद्धपोत, पनडुब्बी के माध्यम से पानी के ऊपर और पानी के अंदर दुश्मन पर नजर रखते हुए समुद्री लुटेरों को सबक सिखाने के लिए तत्पर रहती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.सुशील कुमार तोमर ने अपने उद्बोधन में पूर्व सैन्य अधिकारियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि देश की तीनों सेनाओं के बारे में ज्ञानवर्धक जानकारी से हम सभी अभिभूत हुए हैं। प्रो.तोमर ने कहा कि रक्षक, शिक्षक और कृषक की राष्ट्र निर्माण में विशेष भूमिका होती है। रक्षक यानी सेना राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा करती है। शिक्षक युवाओं को शिक्षित कर राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार करते हैं और कृषक खाद्यान्न आपूर्ति संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु दिनरात खेत खलिहान में पसीना बहाता है। उन्होंने आज की संगोष्ठी आयोजक पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केंद्र फरीदाबाद अध्यक्ष शिक्षाविद डॉ सविता भगत और सचिव प्रो.आशुतोष निगम को इस सफल आयोजन की बधाई देते हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कुलपति द्वारा सभी मुख्य वक्ताओं को पटका एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी कुलपति प्रो.तोमर को स्मृति के रूप में सेना की कैप भेंट की। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com