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Faridabad NCR

जेल से जमानत पर आए आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति, थाने के दुश्चरित्र व्यक्तियों BC (A), BC (B) सहित 58 हिस्ट्रीशीटर को डीसीपी एनआईटी नीतिश अग्रवाल के निर्देश पर किया चेक

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : पुलिस आयुक्त श्री विकास कुमार अरोड़ा ने शहर में शांति व्यवस्था कायम रखने तथा अपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाकर कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए अपराध में संलिप्त और रह चुके हिस्ट्रीशीट्र,दुशचरित्र व जेल से जमानत पर आए आरोपियो को चैक करने के दिए गए निर्देश पर कार्रवाई करते हुए डीसीपी एनआईटी श्री नीतिश अग्रवाल ने एनआईटी जोन के अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों चैक किया गया है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि विभिन्न अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए आदतन अपराधियों पर कंट्रोल रखना अति आवश्यक है। अपराधियों में कानून का भय बना रहे इसलिए उन्हें समय-समय पर पुलिस द्वारा चेकिंग की जाती है। इसका उद्देश्य यह चेक करना होता है कि हिस्ट्रीशीटर, दुशचरित्र प्रवृति के अपराधी, थाना के पूर्व रिकॉड में अपराधी रहे एरिया में उपस्थित है या नहीं। वह पुलिस को सूचित किया बिना एरिया से बाहर नहीं जा सकते और यदि वह ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाती है। इसी के तहत आज डीसीपी एनआईटी ने आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे, ज़मानत पर जेल से बाहर आए आपराधिक प्रवृत्ति के 58 व्यक्तियों से पूछताछ की। अपराधिक प्रवृत्ति के यह व्यक्ति एनआईटी जोन के थानों में हिस्ट्रीशीटर एवं दुशचरित्र हैं जो हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, लूट, लड़ाई झगड़ा, अपहरण, फिरौती आदि विभिन्न प्रकार के जघन्य अपराधों में शामिल रहे हैं। अपराधिक प्रवृत्ति के इन व्यक्तियों पर विभिन्न मुकदमे दर्ज जो माननीय अदालत में विचाराधीन है। पुलिस उपायुक्त ने अपराधियों द्वारा पूर्व में किए गए अपराधों में सजा काट चुके अपराधी भविष्य में किसी भी प्रकार की आपराधिक वारदात में शामिल न होने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आते तो उन्हें सारी उम्र जेल के चक्कर काटने पड़ेंगे और कोर्ट कचहरी का खर्चा होगा सो अलग। उन्होंने कहा कि अपराधी अपराध की दुनिया को छोड़कर किसी अच्छे कार्य में अपनी उर्जा को लगाए जिससे वह अपने परिवार के साथ सुकून की जिंदगी व्यतीत कर सकें। अपराधिक व्यक्ति के प्रकार के व्यक्ति का अंजाम बहुत बुरा होता है। ना जाने कब कौन कहां उन्हें जान से मार दे इसलिए अच्छा होगा कि वह अपराध जगत को छोड़कर एक बेहतर समाज निर्माण में अपना योगदान दें।

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