Faridabad NCR
आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ सांसें लेने के लिए पौधरोपण जरूरी : एस एस बांगा
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :6 जून। पर्यावरण संरक्षित, तो जीवन सुरक्षित। यह शाश्वत सत्य है। पर्यावरण का संतुलन ही जीवनचक्र को नियंत्रित करता है।आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ सांसें लेने के लिए पौधरोपण जरूरी है।
उक्त बातें उद्योगपति एस एस बांगा ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अहमदाबाद स्थित अपने विक्टोरा टूल्स कंपनी के प्रांगण में पौधारोपण के उपरांत कही। उन्होंने कहा कि मत्स्यपुराण में वृक्षों के महत्व और महात्म बहुत ही सुन्दर वर्णन हैः-
‘दश कूप समा वापी, दशवापी समोहद्रः
दशहृद समः पुत्रों, दशपुत्रो समो द्रुमः’
अर्थात दस कुओं के बराबर एक बावडी होती है, दस बावडियों के बराबर एक तालाब, दस तालाबों के बराबर एक पुत्र है और दस पुत्रों के बराबर एक वृक्ष। इन सभी उपक्रमों एवं प्रयासों के पीछे पर्यावरण को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता झलकती है। कोरोना के संक्रमण काल में जिस तरह से ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा। ऐसे में पेड़ पौधों के प्रति और अधिक संवेदनशीलता बढ़ाने की सीख मिली। खुशी की बात है कि पहले की तुलना में बड़ी संख्या में लोग पौधारोपण करते हैं उसे संरक्षित भी करने का प्रयास कर रहे हैं। इसे एक अभियान के रूप में लेना होगा। ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत पेड़ पौधा भी है। हम अपने आसपास के जगह को जितना हरा भरा रखेंगे, हमें प्रकृति ऑक्सीजन भी उसी मात्रा में देगी।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर विक्टोरा टूल्स अहमदाबाद में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें करीब 1000 पौधे लगाए गए। इसे संरक्षित रखने का भी सभी ने संकल्प किया। यह बताते चले कि एस एस बांगा ट्री मैन के रूप में जाने जाते हैं। उद्योग नगरी फरीदाबाद में कई औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पौधे लगाए हैं। जो हरे भरे बाग में तब्दील हो चुके हैं। एस एस बांगा कहते हैं कि माता-पिता से बचपन में ही पेड़ पौधों के प्रति प्रेम और उन्हें संरक्षित करने की शिक्षा मिली। मुझे पौधारोपण करना और उनकी नियमित रूप से देखभाल करना मेरी आदत में शुमार है। यह मेरा शौक है। मुझे जब भी समय मिलता है, मैं अपना समय पेड़ पौधों एवं चिड़ियों की चहचहाहट के बीच गुजारना व्यतीत करता हूं। पर्यावरण के प्रति प्रेम को देखते हुए उद्योगपति एस एस बांगा को कई सामाजिक संगठनों एवं मीडिया संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।