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Faridabad NCR

पुलिस चौकी पाली की टीम ने सुमेर सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल करीब 600 छात्रों और लोगो को साइबर फ्रॉड व ट्रैफिक नियमों के प्रति किया जागरूक

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : डीसीपी एनआईटी अमित यशवर्धन के दिशा निर्देश के तहत पुलिस चौकी पाली प्रभारी अमरजीत की टीम ने गांव पाली के सुमेर सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल में करीब 700 से अधिक छात्रओं को साइबर फ्रॉड व यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि आज पुलिस चौकी पाली की टीम के द्वारा साइबर अपराध व यातायात के संबंध में जागरुक कर इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। आजकल साइबर अपराध से लोगो को नए-नए तरिके से ठगा जा रहा है। साईबर ठग भी आये दिन कुछ न कुछ नए तरीके से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। मोबाईल फोन में फेक एप डाउनलोड कराने के साथ इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फेक न्यूज चलाकर एवं फेक पोस्ट अपलोड कर और फर्जी वाट्सएप्प मैसेज और फेक कस्टमर कॉल के जरीये एवं तरह-तरह की सरकारी अथवा निजी संस्थानों में नौकरी का लोक-लुभावन झाँसा देकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। किसी भी फर्जी लिंक पर क्लिक ना करें, इससे आपका पीसी या मोबाईल हैक हो सकता है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि हरियाणा उदय कार्यक्रम के अंतर्गत पुलिस टीम ने सेक्टर-8 गवर्नमेंट गर्ल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पुलिस टीम ने छात्राओं को आम जीवन में होने वाले क्राइम की जानकारी दी जिसमें उनको गुड टच बेड टच, महिला विरुद्ध अपराध के संबंध में छात्राओं को जागरुक किया। उन्होंने बताया कि एक पढ़ी-लिखी नारी अपने अधिकारों को जानती है और वह किसी भी प्रकार के शोषण के विरुद्ध अपनी आवाज उठाने में समर्थ होती है इसलिए आवश्यक है कि प्रत्येक बच्चे को अपने अधिकारों का ज्ञान होना चाहिए ताकि वह इस समाज की बुराइयों से लड़ सके और अपने हक के लिए आवाज उठा सकें।

उन्होंने बताया कि विद्यार्थी इस सामाजिक जीवन में अपने आसपास महिला विरुद्ध अपराध को देखते है जिसमें महिला/ लडकी से छेडछाड, लडकी/बच्चो को शोषण इत्यादि। बच्चे छोटे होते है जिनको ज्ञान नहीं होता कि छेडछाड, लडकी/बच्चो को शोषण व दहेज लेना कानूनन अपराध है। इसके साथ ही छात्राओं को गुड व बैड टच के संबंध में जागरूक करते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति ने गलत तरीके/नियत से स्पर्श करने की कोशिश करता है तो उसके बारे में अपने परिजनों को बताएं क्योंकि यदि आप इसका विरोध नहीं करेंगे तो आरोपी फिर से इस प्रकार की अपराधिक वारदात को पुनः दुवारा से गलत हरकत करने की कोशिश करेगा। उन्होंने बताया कि पहले इस बात के बारे में बहुत कम जानकारी होती थी कि गुड टच बैड टच क्या होता है परंतु आजकल इसके प्रति जागरूकता अभियान चलाकर विद्यार्थियों/छात्राओं को इसकी जानकारी दी जा रही है इसलिए यदि कोई भी व्यक्ति उन्हें गलत तरीके से किसी लडकी को छूने की कोशिश करता है तो चुप रहकर इसे सहन ना करे इसके संबंध में परिजनों के माध्यम से पुलिस को सूचित करे। समाज की कुरुतियों से हम सबको एकजुट होकर लड़ाई लड़ें ताकि समाज में महिला सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके।

यहाँ तक कि ऑनलाईन शॉपिंग में लोगों को सस्ते कीमतों पर उनकी मनपसंद वस्तुओं को खरीददारी का झाँसा देकर ऑनलाईन ठगी की जाती है। मोबाईल इंटरनेट उपयोगकर्ता को लॉटरी लग जाने के फर्जी मैसेज भेज कर साईबर ठग प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में पैसे ऑनलाईन ट्रांसफर करने को कहते हैं। और लोग लाखों का लॉटरी लग जाने के चक्कर में ठगों को पैसे भेज भी देते हैं। एक बार पैसे भेजने के बाद फिर ठगी करने वाले का मोबाईल बंद हो जाता है। और लोग हार कर पुलिस के पास अपनी व्यथा सुनाते हैं तथा पैसे वापस दिलाने का आग्रह करते हैं। साईबर अपराधी पैसों की ठगी के साथ-साथ फेसबुक, वाट्सएप्प व अन्य सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट किये हुए तस्वीरों से छेड़छाड़ कर महिलाओं को भी ब्लैकमेल करते हैं।

इसके साथ ही आमजन को साइबर हेल्पलाइन 1930 के बारे में जागरूक करते हुए उन्होंने बताया कि यदि किसी के साथ साइबर ठगी की वारदात घटित हो जाती है तो वह तुरंत इस नंबर पर संपर्क करें और उन्हें अपने साथ हुई साइबर ठगी के बारे में जानकारी दें। साइबर टीम द्वारा साइबर अपराधियों के बैंक खातों को फ्रीज करवाकर आपकी रकम आप तक वापस पहुंचा सकते हैं।

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