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Faridabad NCR

सुरेश की बहादुरी के लिए पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने उन्हें प्रशंसा पत्र व ₹5000 का नकद इनाम देकर किया सम्मानित

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए सिटी बल्लबगढ़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सत्यवान, पुलिस चौकी बल्लभगढ़ प्रभारी सज्जन कुमार, क्राइम ब्रांच 65 प्रभारी ब्रह्म प्रकाश की टीम ने 7.59 लाख रुपए की लूट की कोशिश के मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में दो आरोपी अविनाश उर्फ अभि तथा भूरा उर्फ नरेश अभी फरार चल रहे हैं जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा ।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पवन, अभय, दीनानाथ तथा अभिषेक का नाम शामिल है। आरोपी पवन, अभय तथा अविनाश कन्नौज के रहने वाले हैं वहीं आरोपी दीनानाथ यूपी के फैजाबाद का निवासी है। पीड़ित सुरेश जो पलवल के गदपुरी में स्थित कमल मेटल नाम की कंपनी में फील्ड ऑफिसर का काम करता है वह कल सुबह कंपनी के पैसे कलेक्ट करके दिल्ली हेड ऑफिस पहुंचाने के लिए अपनी कंपनी से ऑटो में बैठकर चला था। सुरेश ऑटो में बैठ कर बल्लभगढ़ बस स्टैंड पर करीब 10 बजे पहुंचा और जैसे ही बल्लभगढ़ बस स्टैंड पर ऑटो से उतरकर चलने लगा मोटरसाइकिल पर सवार तीन आरोपी वहां पहुंचे और उन्होंने सुरेश के पास से पैसों से भरा बैग छीनने की कोशिश की परंतु सुरेश ने बहादुरी का परिचय देते हुए बैग नहीं छोड़ा परंतु आरोपी सुरेश के गले से सोने की चेन छीनने में कामयाब हो गए। सुरेश ने शोर मचाया। पास में ही पुलिस टीम में शामिल चौकी प्रभारी सज्जन सिंह, हवालदार धर्मेद्र व राकेश नाके पर तैनात थे जो शोर सुनकर वहां पर पहुंचे और लोगों की मदद से आरोपी पवन को मौके से काबू कर लिया। अन्य दो आरोपी भीड़ को देखकर वहां से फरार हो गए। पुलिस द्वारा आरोपी पवन को काबू करके थाने लाया गया और पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ छीनाझपटी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। मामले में गहनता से पूछताछ करने के लिए आरोपी को क्राइम ब्रांच 65 के हवाले किया गया जिसमें क्राइम ब्रांच द्वारा पूछताछ करने पर सामने आया कि इस मामले में उसके पांच अन्य साथी शामिल है। आरोपी ने बताया कि वह, अविनाश उर्फ अभि और अभय तीनों कन्नौज के रहने वाले हैं और 2 महीने पहले कमल मेटल कंपनी के पास ही स्थित आकाश नामक कंपनी में काम करते थे और वह सुरेश को जानते थे जो कंपनी का पैसा इकट्ठा करके रोजाना हेड ऑफिस लेकर जाता है। इस मामले में उसके साथ आरोपी भूरा जो कंपनी में चपरासी का काम करता है और दीनानाथ जो पानी सप्लाई का काम करता है वह भी शामिल है। आरोपी भूरा जो चपरासी है वह सारी खबर अपने साथी आरोपियों को दे रहा था। वारदात से पहले जब सुरेश पैसे लेकर कंपनी से निकला था तो चपरासी भूरा ने अपने साथी दीनानाथ को इसकी सूचना दी थी। आरोपी दीनानाथ और अभिषेक दोनों कंपनी के पास ही जीटी रोड पर खड़े होकर सुरेश की राखी कर रहे थे जिन्होंने आगे अपने साथियों को बताया कि सुरेश पैसे लेकर ऑटो में बैठकर निकल चुका है। इसके पश्चात आरोपी पवन, अभय तथा अविनाश उर्फ अभि तीनों पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार होकर लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार खड़े थे। आरोपियों ने बैग छीनने की कोशिश की और पैसों का बैग छीनने के लिए सुरेश के साथ मारपीट भी की परंतु सुरेश ने बहादुरी का परिचय देते हुए उनकी कोशिश नाकाम कर दी जिसके पश्चात आरोपियों को काबू किया गया और पवन द्वारा दी गई सूचना के आधार पर इसके पश्चात आरोपी अभय, दीनानाथ तथा अभिषेक को भी काबू कर लिया गया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने 22 मई को कैली के पास स्थित एक होटल में बैठकर लूट की सारी योजना बनाई थी और उसके पश्चात 24 मई को उन्होंने सुरेश की रेकी की थी तथा लूट के लिए उसका पीछा भी किया था परंतु उस दिन वह ऑटो में न बैठकर बस में बैठा था इसलिए उनका प्लान उस दिन फेल हो गया जिसके पश्चात अगले दिन उन्होंने फिर से लूट की योजना बनाई जिसमें पुलिस की सतर्कता और सुरेश की बहादुरी के चलते उनकी योजना फिर से फेल हो गई और आरोपी पुलिस द्वारा पकड़ लिए गए। मामले में गहनता से पूछताछ करने के लिए आरोपी पवन को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया है जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान वारदात में उपयोग मोटरसाइकिल बरामद की जाएगी और मामले में फरार चल रहे आरोपी भूरा तथा अविनाश उर्फ अभि की धरपकड़ की जाएगी।

पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा को जैसे ही मामले की सूचना मिली उन्होंने चौकी प्रभारी सज्जन सिंह, हवलदार धर्मेद्र व राकेश को उनकी सतर्कता तथा सुरेश को बहादुरी के लिए उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की और सुरेश को पुलिस आयुक्त कार्यालय में बुलाकर उन्हें प्रथम श्रेणी प्रशंसा पत्र व ₹5000 का नकद इनाम देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि सुरेश ने बहुत ही बहादुरी का परिचय दिया है और अपनी बहादुरी के बलबूते उन्होंने न केवल आरोपियों की लूट की योजना को विफल किया है बल्कि उन्हें पकड़वाकर अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस का सहयोग भी किया है। सुरेश को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लें और अपराध पर अंकुश लगाने में अपना योगदान दें।

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