Faridabad NCR
पीपीपी धारक परिवार अब दयालु-II योजना का उठा सकेंगे लाभ : एडीसी सतबीर मान
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 27 नवंबर। अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) सतबीर मान ने बताया कि हरियाणा सरकार ने राज्य के परिवारों की सामाजिक सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से “दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना–II (DAYALU-II)” को लागू कर दिया है। यह योजना उन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके सदस्य आवारा, पालतू या जंगली पशुओं—जैसे गाय, सांड, बैल, कुत्ता, नीलगाय, भैंस या अन्य छोड़े गए पशुओं—द्वारा हुई दुर्घटना में घायल, विकलांग या मृत हो जाते हैं। यह लाभ हरियाणा के सभी उन परिवारों को उपलब्ध होगा जिनके पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) है।
उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य दुर्घटना, गंभीर चोट, स्थायी विकलांगता या मृत्यु होने की स्थिति में प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनकी सुरक्षा और राहत सुनिश्चित करना है। केवल वे घटनाएँ इस योजना के अंतर्गत मान्य होंगी जो 5 सितंबर 2025 की अधिसूचना के बाद हुई हों। हरियाणा का कोई भी PPP धारक परिवार इस योजना का लाभ ले सकता है, जबकि 1.8 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार दयालु-I या दयालु-II में दावा दर्ज कर सकते हैं। कुत्ते के काटने के मामलों में दावा तभी स्वीकार किया जाएगा जब घटना सार्वजनिक स्थान पर हुई हो और पीड़ित ने जानवर को उकसाया न हो।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत मृत्यु या 70% से अधिक स्थायी विकलांगता की स्थिति में आयु-आधारित सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जिसमें 12 वर्ष तक 1 लाख रुपये, 12–18 वर्ष के लिए 2 लाख रुपये, 18–25 वर्ष के लिए 3 लाख रुपये, 25–45 वर्ष के लिए 5 लाख रुपये तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 3 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं। 70% से कम विकलांगता की स्थिति में सहायता राशि आयु एवं विधिक प्रावधानों के अनुसार तय की जाएगी, जिसकी न्यूनतम सीमा 10,000 रुपये है। सामान्य चोट पर 10,000 रुपये, जबकि कुत्ते के काटने पर प्रति दांत निशान 10,000 रुपये तथा त्वचा उखड़ने पर प्रति 0.2 सेमी के लिए 20,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
दावा 90 दिनों के भीतर पोर्टल https://dapsy.finhrv.gov.in पर दर्ज किया जाएगा। इसके लिए एफआईआर/डीडीआर, मेडिकल रिपोर्ट, अस्पताल दस्तावेज तथा तस्वीरें अनिवार्य हैं। भुगतान डीबीटी के माध्यम से पीपीपी में दर्ज बैंक खाते में भेजा जाएगा। गलत जानकारी देने पर पूरी राशि 12% ब्याज सहित वसूल की जाएगी।
दावों की जांच एवं अंतिम निर्णय के लिए जिला स्तरीय समिति गठित की गई है, जिसमें उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, डीटीओ, सीएमओ तथा जिला सांख्यिकी अधिकारी शामिल हैं। समिति 120 दिनों के भीतर निर्णय लेगी और अनुमोदन के बाद राशि 6 सप्ताह में जारी की जाएगी।
शिकायत निवारण के लिए डिवीजनल कमिश्नर और हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास (एचपीएसएन) के सीईओ को अधिकृत किया गया है, जो 30 दिनों के भीतर शिकायतों का निपटारा सुनिश्चित करेंगे। यह भी स्पष्ट किया गया है कि योजना से संबंधित विवाद सिविल कोर्ट में नहीं ले जाए जा सकेंगे।
इस योजना की नोडल एजेंसी हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास (एचपीएसएन) है, समिति द्वारा मंजूरी के 6 सप्ताह के भीतर सहायता राशि जारी की जाएगी।
