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Faridabad NCR

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 11 अक्टूबर। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तथा कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में कृषि मंत्रालय ने अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। भारत सरकार में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री धन-धान्य किसान योजना, दलहन मिशन तथा अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के शुभारंभ कार्यक्रम के ऑनलाइन प्रसारण में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। यह कार्यक्रम चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार, कृषि विज्ञान केंद्र, गांव भूपानी (फरीदाबाद) में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत पौधरोपण के साथ हुई। कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं एवं किसानों ने मुख्य अतिथि केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर का फूल-मालाओं से गर्मजोशी पूर्वक स्वागत किया।

केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक दर्शन का मूल मंत्र ‘अन्योन्द दय’ है। प्रधानमंत्री के हर निर्णय के केंद्र में वंचित, गरीब, मजदूर और अन्नदाता किसान रहते हैं। “अन्नदाता सुखी भवः” उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारे किसान अथक परिश्रम से देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करते हैं और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं किसानों को सम्मान, समृद्धि और नई ताकत प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र ने अभूतपूर्व प्रगति की है। लाखों छोटे किसानों को वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है, जिससे उन्हें बाजारों तक पहुँच आसान हुई है, खेती की लागत घटी है और उनकी आय में वृद्धि हुई है। आज देश अपने अन्नदाताओं पर गर्व करता है।

केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ₹24,000 करोड़ रुपये की बजट राशि से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ किया है। यह योजना 100 आकांक्षी कृषि जिलों के समग्र विकास के लिए छह वर्षों (2025-26 से 2030-31) तक लागू रहेगी। इसका उद्देश्य उन जिलों को सशक्त बनाना है जहां कृषि उत्पादकता अपेक्षाकृत कम है, फसल योग्य भूमि सीमित है और ऋण वितरण औसत से कम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना केवल किसानों की आय और उत्पादकता बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने, मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहित करने और आधुनिक कृषि पद्धतियों के विस्तार की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी।  साथ ही इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने आज ₹11,440 करोड़ रुपये की लागत से छह वर्षीय आत्मनिर्भर दलहन मिशन की भी शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030-31 तक भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 10,000 एफपीओ गठन योजना की शुरुआत 29 फरवरी 2020 को की गई थी। आज इन संगठनों में 52 लाख किसान जुड़े हैं, जिनमें 39 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। इसी तरह, प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत 1 लाख से अधिक किसानों को प्रमाणन प्राप्त हुआ है, जो सतत और पर्यावरण अनुकूल कृषि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 70 प्रतिशत से अधिक ऋण, स्टैंड-अप इंडिया योजना में 75 प्रतिशत ऋण और जन-धन खातों में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की है। लगभग 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर ग्रामीण भारत में बदलाव ला रही हैं, जिनमें से एक करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ पहल के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनावी घोषणा को पूरा करते हुए इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू किया है। इसके तहत हरियाणा की लगभग 19 लाख महिलाओं को, जिनकी पारिवारिक आय एक लाख रुपये तक है, प्रतिमाह ₹2100 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी और आगामी 01 नवंबर से लाभार्थियों के खातों में राशि आणि शुरू हो जाएगी।

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र फरीदाबाद के डॉ. अशोक कुमार देशवाल, डॉ. वर्षा रानी, डॉ .विनोद कुमार, डॉ.जग नारायण यादव, नंदकिशोर, रवि, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग व पशु व डेयरिंग विभाग के डॉ. सत्येंद्र धनखड़ सहित विभिन्न अधिकारीगण, रविन्द्र बांकुरा सरपंच बहादुरपुर, सूरजपाल भूरा, प्रधान सरपंच संगठन, सुभाष अरुआ, सूरज नंबरदार बहादुरपुर, अजय नंबरदार चिरसी, सुभाष अध्यक्ष,  सतपाल नरवत, बलजीत सिंह, रणवीर सिंह खेड़ी कला सहित विभिन्न गांव  चिरसी, मोहना, बहादुरपुर, अलीपुर, अरुआ, नचौली, भूपानी गांव से किसानों और गांव की महिलाओं ने भाग लिया।

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