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Faridabad NCR

इंडो-बूमरैंग एसोसिएशन द्वारा प्रेस वार्ता का किया आयोजन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : अरावली गोल्फ क्लब, फरीदाबाद में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मेँ आईएफबीए, जर्मनी द्वारा इंडो-बूमरैंग एसोसिएशन की संबद्धता की घोषणा की गयी। इस कार्यक्रम में श्री. एस के सचदेवा, अध्यक्ष, जन अधिकार संरक्षण मंच, और पूर्व निदेशक, (डीएचबीवीएन, हरियाणा) और फिल्म प्रोड्यूसर व डायरेक्टर चंदन मेह्ता मौजूद थे, जिन्होंने पूरे दिल से खेल का समर्थन किया।

इंडो- बूमरैंग एसोसिएशन (आईबीए) बूमरैंग के अंतरराष्ट्रीय खेल के क्षेत्र में भारत का पहला संगठन है, और अब इस खेल के विश्वशासी निकाय, आईएफबीए (इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ बूमरैंग एसोसिएशन) जर्मनी से संबद्ध है, जो इस लीग में शामिल होने वाला 14वां देश बन गया है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, इंग्लैंड, फ्रांस, स्पेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, इटली जैसे देश शामिल हैं।
मोगली एक ऐसा नाम है जिससे पूरी दुनिया वाकिफ है। बूमरैंग एक ऐसा खेल है जो आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ मोगली के इस उपकरण की विलुप्त कला को जोड़ता है, जिसके प्रशंसक न केवल देश में बल्कि दुनिया भर के लोगों मेँ शामिल है।
आईबीए के संस्थापक अध्यक्ष, श्री विवेक मोंट्रोज़ ने 1991 में 15 साल की उम्र में इस खेल की शुरुआत की थी, और तब से इस खेल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कराने और इस खेल को इसक उचित दर्जा दिलाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। परिणाम तब दिखने लगे जब वह 2019 में ऑस्ट्रेलिया से इस खेल में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए निमंत्रण प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बने।
जबकि देश में इस खेल की कोई पहचान नहीं थी, उन्होंने 15 राज्यों में इसकी जागरूकता फैलाई है, और कई बच्चों और युवाओं को सिखाया है, और मोगली के आदिवासी गोंड समुदाय ने ‘विश्व आदिवासी दिवस 2019’ पर उन्हें ‘जीन्स वाला मोगली’ की उपाधि से सम्मानित किया।
सफलता की कहानी जारी रही जब उन्होंने देश को न सिर्फ इसका पहला बूमरैंग संघ दिया, बल्कि उन्हें कई अन्य देशों से प्रशंसा मिली, और ब्राजील की टीम द्वारा बनाए गए ‘विवेक’ नाम का तिरंगा बुमेरांग उनके सम्मान में दुनिया के सबसे खूबसूरत ‘कोपाकबाना’ समुद्र तट पर चलाया गया। वे आईएफबीए के पहले भारतीय सदस्य भी थे, और वे इंग्लैंड के ‘लॉन्ग डिस्टेंस बूमरैंग क्लब’ में नामांकित होने वाले पहले भारतीय भी बन गए हैं। हाल ही में वह साल 2020 का वर्ल्ड ऑफ बूमरैंग अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय भी बने हैं।
आईबीए ने न केवल राज्य स्तर पर बल्कि देश का पहला राष्ट्रीय बूमरैंग चैंपियनशिप 2020 में सफलतापूर्वक आयोजित किया।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ बूमरैंग एसोसिएशन, जर्मनी के साथ देश का नाम दर्ज करने के बाद, आईबीए ने 2021 में देश की दूसरी राष्ट्रीय बूमरैंग चैंपियनशिप का भी सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, यूपी, एमपी, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि जैसे राज्यों की भागीदारी देखी गई। विभिन्न खेलों के खिलाडियोँ ने इसमेँ बहुत रुचि दिखाई है, जैसे यूपी के एक राज्य स्तरीय क्रिकेटर जय सिंह यादव, जिन्होंने अपने पहले प्रयास में ही शानदार प्रदर्शन किया। एमपी से एक अन्य थ्रोअर सुनील उइके एक दुर्घटना से अपने दाहिने हाथ में गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैँ, पर हिम्मत ना हारते हुए अब बाएं हाथ के एक पक्के खिलाड़ी बन गए हैं, जो दुनिया भर से बड़ी शाबाशी अर्जित कर रहे हैं। मौजूद खिलाडियोँ मेँ हिमाचल के विकास सिँह, एम.पी. के यश शुक्ला, व मेम्बर रूपक कुमार शामिल थे।
विवेक अपने कौशल और उपलब्धियों का श्रेय अपने ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी गुरु श्री केन कोलबँग को देते हैं।

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