Faridabad NCR
प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन हरियाणा ने डीसी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : कोरोना काल में अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे स्कूलों ने अब प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है। इसके लिए प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन हरियाणा ने डीसी फरीदाबाद के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर को मांगपत्र भेजकर जल्द से जल्द स्कूल खोलने की मांग की।
एसोसिएशन के प्रधान रमेश डागर, सचिव गौरव पाराशर व प्रवक्ता दीपक यादव के नेतृत्व में पहुंचे स्कूल संचालकों ने डीसी यशपाल यादव के समक्ष अपनी मांगें रखीं। संचालकों ने कहा कि इस कोरोना काल में अधिकांश स्कूलों का संचालन बड़ा मुश्किल होता जा रहा है। अनेक स्कूल कर्ज में डूबते जा रहे हैं वहीं बच्चों के पास भी ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए जरूरी संसाधनों की कमी है। जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है।
प्रधान रमेश डागर ने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश खुला हुआ है केवल स्कूलों को ही बंद रखना ठीक नहीं है। लोग अपने घरों से निकलकर वापिस घरों में ही आते हैं, ऐसे में केवल बच्चों को घर में रखने से ही उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब स्कूल विकट आर्थिक गिरावट से जूझ रहे हैं, सरकार स्कूलों को खोलने का आदेश देकर शिक्षा को बचाने का काम करे। वहीं सचिव गौरव पाराशर ने बताया कि बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं और हमें बच्चों को इसकी तैयारियां करवानी हैं जो बिना स्कूल खोले नहीं हो सकती हैं। इन बोर्ड परीक्षाओं के बाद बच्चे आगे हायर एजुकेशन के लिए जाएंगे, लेकिन जब उनकी तैयारियां ही मुकम्मल नहीं होंगी, तो उनका भविष्य स्पष्ट नहीं हो सकेगा।
प्राइवेट स्कूल्स एसोसएशन हरियाणा के प्रवक्ता दीपक यादव ने कहा कि सभी स्कूल जरूरी एहतियात बरतेंगे, इस बात की हम तस्दीक करते हैं। पिछले दिनों भी जब सरकार के निर्देश पर बड़ी कक्षाओं के लिए स्कूल खोले गए थे, तब सब ठीक चला था। एक भी मामला स्कूलों में कोरोना का नहीं आया। इसलिए सरकार निश्चित होकर स्कूलों को खोलने का आदेश दे। जिस पर जिला उपायुक्त ने उनकी बात मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री तक पहुंचाने की बात कही।
इस अवसर पर विभिन्न स्कूल संचालक ममता भड़ाना, राखी वर्मा, प्रवेश मलिक, बलजिंदर सलूजा, डॉ जितेंद्र कुमार, मनोज भाटी, वेदपाल धनखड़, कपिल अदलखा, ऊधम अधाना आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।