Connect with us

Faridabad NCR

गौ माता की रक्षा करना हमारा सर्वप्रथम धर्म है: सन्नी बादल

Published

on

Spread the love
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : मुजेसर गॉव व रेलवे लाइन के पास से गुजर रहे नाले मे रात से फसी गौ माता की सूचना निखिल खन्ना ने छात्र नेता सन्नी बादल को बताया वही सन्नी बादल मौके पर पहुंच कर फरीदाबाद के सीपी ऑफिस फोन किया सीपी ऑफिस द्वारा मुजेसर थाने से दो पुलिस अधिकारी हेड कांस्टेबल विनोद व कांस्टेबल लेखराम को भेजकर वही मुजेसर मशीन मार्केट के प्रधान राजेन्द्र सिवास ने अपनी क्रेन से गौ माता को बचाने मे सफल रहे।
इस मौके पर सन्नी बादल ने बताया की गौ रक्षा परम धर्म है भागवत में आचार्य जी से सुना था कि ‘माँ’ शब्द हमारी गौ माता की ही देन है, सबसे पहले बछड़े ने ‘माँ’ शब्द बोला था। संसार का सबसे सुन्दर शब्द ‘माँ’, हमारी जन्मदात्री माँ जो साल दो साल हमें दूध पिलाती है और जीवन भर हम उनका कर्ज नहीं चुका पाते तो गौ माता का दूध तो हम जीवन भर पीते हैं इसलिए उनका कर्ज जीवन के पार भी चुका पाना संभव नहीं। गौ माता की जितनी सेवा करें, पूजा करें कम ही होगी। ईश्वर का साक्षात स्वरूप गौ माता हैं। वेद-पुराणों में कहा गया है कि- “सर्व देवा: स्थिता देहे, सर्वदेवमयी हि गौ:” केवल एक गौ माता की पूजा और सेवा करने से सभी ३३ कोटि देवी-देवताओं की पूजा संपन्न हो जाती है। गौ सेवा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष प्राप्त करने का सुलभ, सरल, वैज्ञानिक और सर्वश्रेष्ठ साधन है। गौ, गंगा, गायत्री, गीता ये चारों भारतीय संस्कृति के स्तम्भ हैं,
बादल ने बताया कि जिन पर संस्कृति टिकी है। वेद, शास्त्र, पुराण, महाभारत, गीता इत्यादि ग्रंथों के अध्ययन, चिंतन, मनन से यह सिद्ध हो चुका है कि-
१. गौ माता हमारी सर्वोपरि श्रद्धा का केंद्र हैं।
२. भारतीय संस्कृति की आधारशिला है।
३. गौ माता सर्वदेवमयी हैं।
भक्ति, मुक्ति और शक्ति का स्रोत गौ सेवा है। “लक्ष्मीश्च गोमये नित्यं पवित्रा सर्व मंगला” गाय के गोबर और गौमूत्र में पवित्र सर्व मंगलमयी श्री लक्ष्मी जी का निवास है, जिसका अर्थ यह है कि गोबर और गौमूत्र में सारी धन-सम्पदा समायी हुई है| लोकल्याण के लिए किया गया प्रत्येक कर्म यज्ञ स्वरूप ही है। कम ग्रहण करना और अधिक देना, इस आचरण को सिखाने वाली हमारी लोककल्याणकारी गौ माता ही हैं। गाय घास, भूसा, छिलका, खली, चुन्नी तथा चोकर आदि ऐसी सामान्य खाद्य सामग्री ग्रहण करती है जो मनुष्य के ग्रहण करने योग्य नहीं है और कम मूल्यवान होती है, किन्तु बदले में अमृत तुल्य दूध, अत्यंत उपयोगी और औषधिरूप गोमय तथा गौमूत्र देती है गुजरात जूनागढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा लेबोरेटरी में ७ साल के प्रयोगों के बाद आज यह सिद्ध हो गया है कि गौदुग्ध और गौमूत्र में सोना पाया जाता है| दो-तीन गायें एक परिवार की परवरिश कर सकती है। इनसे प्राप्त गोबर, गौमूत्र, एवं गौदुग्ध का समुचित उपयोग करने पर इतनी आय हो सकती है कि एक परिवार की परवरिश हो सके।
पंचगव्य से १०८ रोगों का सफल इलाज होता है। गौमूत्र से बनी दवाओं से हजारों रूपये प्रति माह आय हो सकती है। एक दूध न देने वाली गाय या बैल भी उपयोगी है, वो जितना चारा ग्रहण करते हैं उससे ५ गुना मूल्य का खाद बनाने लायक गोबर उनसे प्राप्त हो जाता है। श्री नारायण देव राव पांडरी पाण्डे का २५ वर्ष का श्रम बड़ा ही उपयोगी साबित हुआ है। उन्होंने नेडेप विधि खोजकर महत्त्वपूर्ण कार्य किया है, इस विधि से केवल एक किलो गोबर से तीस किलो सर्वोत्तम श्रेणी की खाद बनती है। इसके प्रयोग से विदेशी मुद्रा की बचत होगी तथा धरती बंजर होने से बचेगी। ये अटल सत्य है कि “गावः सर्वसुखप्रदा:” अर्थात गाय सब सुखों को देने वाली है।
भारत की समस्याएं गरीबी, बेरोजगारी और बीमारी है जो दिन-ब-दिन बढती जा रही हैं। गौ रक्षा एवं गौ-संवर्द्धन आज देश की धार्मिक, आध्यात्मिक, राजनैतिक, सामजिक, आर्थिक, प्राकृतिक, नैतिक, व्यवहारिक, लौकिक एवं पारलौकिक अनिवार्य आवश्यकता है। गौ, गीता, गायत्री और गंगा ये चार सनातन देव संस्कृति के स्तम्भ हैं और आज इनकी स्थिति दयनीय हो गई है| गंगा प्रदूषित हो रही है, गायत्री के दर्शन को व्यवहार में नहीं लाया जा रहा, गीता के उपदेश को जीवन में उतारा नहीं जा रहा और सब सुखों को देने वाली हमारी गौ माता का वध किया जा रहा है। सभी दुखों का यही कारण है, जबकि गौ रक्षा से बढ़कर कोई धर्म नहीं| गौ पालन, गौ सेवा मानवीय सद्गुणों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। गायों के पालनहारा श्री कृष्ण का गौ प्रेम हम सभी जानते हैं, गौ दुग्ध का पान कर उन्होंने दिव्य गीतामृत का सन्देश दिया- “दुग्धं गीतामृतं महत” रघुवंश जिसमे श्री राम का जन्म हुआ था, गाय की सेवा से ही चला था। मेरी नानी जी ने बताया था कि गौ ही मनुष्य के स्वर्ग जाने का माध्यम है, इसलिए मनुष्य के अंतिम संस्कार के क्रिया-कर्म में पंचदान की परम्परा है जिसमे से एक दान गौ दान है। सिर्फ हिन्दू धर्म ही नहीं बल्कि सभी धर्मों में गौ की महत्ता और गौ रक्षा की बात कही गई है।
Continue Reading

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com