Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :18 अगस्त तमाम केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों एवं फ़ेडरेशन के आवाह्न पर केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा बिजली सहित सभी उर्जा सहित के निजीकरण के विरोध में कोयला खदानों, पैट्रोलियम के कर्मचारियों की 18 अगस्त 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में, सरकार की जनविरोधी, राष्ट्र, कर्मचारी व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन की अध्यक्षता ऑल हरियाणा पॉवर कॉर्पोरेशन वर्कर्स यूनियन, हैड ऑफिस हिसार फरीदाबाद सर्कल सचिव श्री अशोक कुमार ने की और विरोध प्रदर्शन का संचालन केन्द्रीय सदस्य श्री शब्बीर अहमद गनी ने किया!
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए राज्य उपाध्यक्ष श्री सतपाल नरवत व केंद्रीय सदस्य श्री शब्बीर अहमद गनी ने कहा कि करोना महामारी को अवसर में बदलकर केन्द्र व राज्यो की सरकारें अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों के साथ साथ उर्जा के तीनों बिजली, कोयला व पैट्रोलियम को नीजी हाथों में सौप रही हैं! मौजूदा केन्द्र की भाजपा सरकार सभी प्रकार के नियम, कानूनों व संवैधानिक प्रक्रियाओं को त्याग कर उर्जा क्षेत्र का तेजी से निजीकरण कर रही हैं! जिसके तहत कोयला खदानों, पैट्रोल कम्पनियों तथा बिजली उत्पादन व वितरण प्रणाली को निजी कम्पनियों के हवाले कर रही है! एेसा निजिकरण किसी भी तरह जनता के हित में नहीं है! आम जनता का शोषण होगा! करोना महामारी आने वाले दिनो में एक बहुत बड़ा घोटाला साबित होगा! बेरोजगारी के हालात गम्भीर होगें! विरोध प्रदर्शन में मुख्य मांगे ये हैं बिजली निजीकरण के संशोधन बिल 2020 को वापस लिया जाए और बिजली को मानव अधिकार बनाया जाए। बिजली क्षेत्र में कार्यरत सभी प्रकार के ठेका कर्मचारियों को विभाग के सीधे रोल पर लिया जाए वह नियमित किया जाए। समान काम के लिए समान वेतन का नियम लागू किया जाए वह नौकरी की सुरक्षा प्रदान की जाए। नई पेंशन नीति को खत्म कर पुरानी पेंशन नीति को बहाल किया जाए। श्रम कानूनों में किए गए मजदूर विरोधी बदलाव को वापस किया जाए। भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड सहित पेट्रोलियम क्षेत्र में उठाए गए निजीकरण के सभी कदम वापस किए जाएं। कोयला क्षेत्र में कोयला खदानों को निजी कंपनियों को सौंपने संबंधी कदमों को वापस किया जाए। बिजली सहित सभी सार्वजनिक उपक्रमों को सरकारी क्षेत्र में रखते हुए विस्तार करते हुए इनमें नियमित कर्मचारियों की भर्ती की जाए। व हरियाणा में बिजली निगमों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए व कर्मचारियों की मांगों का संगठन से बातचीत करके समाधान किया जाए आदि मांगे शामिल है।
विरोध प्रदर्शन में राम चरण पुष्कर, मनोज जाखड़, राम भरोसे, रती राम, के एन सिंह, सुरेश गेरा, रमेश तेवतिया, सतीश छाब्बड़ी, कृष्ण कुमार, गिरीश कुमार राजपूत, करतार सिंह, अर्साद अयूब, रफ़ी मोहम्मद, तेजेंद्र सिंह, सुभोध कुमार, कुलबीर राठी, रामकेश, यशपाल, मदनलाल, सतबीर, मुकेश लांबा, मनदीप कौशिक, नवीन, राम हंस प्रेम सिंह, संजय, टेकराम, राकेश,साजिद खान, अशोक, चंद्रपाल सैनी, आदि ने भाग लिया।