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Faridabad NCR

इस्कॉन मंदिर सेक्टर 37 में राधाष्टमी महामहोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : इस्कॉन मंदिर सेक्टर 37 में राधाष्टमी महामहोत्सव- श्रीमती राधा रानी का प्राकट्य दिवस बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राधा रानी श्री वृषभानु और श्रीमती कीर्ति देवी की सुपुत्री हैं। पद्म पुराण में कहा गया है कि राधा कृष्ण से भिन्न नहीं हैं। कृष्ण सर्वोच्च ऊर्जावान हैं और राधा रानी श्रीकृष्ण की अंतरंगा शक्ति व उनसे अभिन्न हैं। राधा रानी सदैव कृष्ण की प्रेममयी भक्ति में लगी रहती हैं। वह भक्तों को कृष्ण की सेवा करने की शक्ति और आशीर्वाद प्रदान करती हैं। वैष्णव परंपरानुसार भगवान श्रीकृष्ण की प्रेममय सेवा-भक्ति श्रीमती राधा रानी की कृपा के बिना नहीं प्राप्त की जा सकती। लेकिन राधा रानी जिस किसी की भी सिफारिश श्रीकृष्ण से करती है वह मना नहीं करते। इसलिए वैष्णव भक्त राधा रानी से कृष्ण की सेवा प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। भक्त हमेशा “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे का जप करते हैं। जिसमें ‘हरे’ राधा के अलावा अन्य कोई नहीं हैं। यह मंत्र राधा और कृष्ण की सेवा के लिए किया जाता है। राधा रानी खाना पकाने में बहुत ही निपुण हैं और कृष्ण के लिए एक ही व्यंजन कभी नहीं दोहराती हैं।
आज इस्कॉन फरीदाबाद में राधाष्टमी के दिन की शुरुआत प्रातः 4.30 बजे मंगल आरती, हरिनाम जप “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम राम राम”, दर्शन आरती, गुरु वंदना, विशेष कथा व हरिनाम संकीर्तन से हुई। तत्पश्चात् श्रीराधा-कृष्ण का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद और शुद्ध फलों के रस से किया गया।
मंदिर के अध्यक्ष गोपीश्वर दास का यह कहना है कि “हम राधाष्टमी को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। हम राधा से उनकी दया की प्रार्थना करते हैं ताकि हम कृष्ण की बेहतर सेवा कर सकें। कृष्ण और राधा एक हैं और हम उनकी एक साथ सेवा करते हैं। नवनिर्मित इस्कॉन मंदिर फरीदाबाद में हम सभी को मंदिर में श्रीराधा-कृष्ण के सुन्दर दर्शन करने व मंदिर में आयोजित विभिन्न व्याख्यान कार्यक्रमों के माध्यम से राधा-कृष्ण महिमा को जानने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं। ऐसा करके हम अपने जीवन को शांतिपूर्ण और खुशहाल बना सकते हैं। “

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