Faridabad NCR
रानी की छतरी बनेगी पर्यटन आकर्षण का केंद्र : एडीसी सतबीर मान

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 18 सितम्बर। प्रदेश सरकार में सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने सेवा पखवाडा अभियान के तहत वीरवार को नारनौल में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह से बल्लभगढ़ स्थित रानी की छतरी समेत राज्य के 20 संरक्षित धरोहरों के 95 करोड़ रुपए से होने वाले जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण की परियोजना का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस वर्चुअल कार्यक्रम का जिला सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में लाइव प्रसारण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडीसी सतबीर मान वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम से जुड़े।
विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपनी धरोहर सहेजने के संकल्प को हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में गंभीरता से सिद्धि तक लेकर जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश के केंद्र व राज्य संरक्षित ऐतिहासिक स्थलों के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण के बाद उन्हें पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करेगी, ताकि देसी, विदेशी पर्यटक प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से खुद को जोड़ सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में हरियाणा दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह बनाने के लिए निरंतर बड़े कदम उठा रहा है। केंद्र-प्रदेश सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व व सांस्कृतिक विरासत के प्रति गहरी संवेदनशीलता के कारण ही यह ऐतिहासिक पहल सम्भव हो पाई है।
एडीसी सतबीर मान ने बताया कि रानी की छतरी बल्लभगढ़, जिसे नाहर सिंह महल के पास शाही तालाब के किनारे एक ऐतिहासिक स्मारक के रूप में जाना जाता है, का निर्माण शासक अनरुद्ध सिंह की विधवा ने की थी, हालांकि नाहर सिंह महल के बारे में जानकारी बताती है कि यह राजा नाहर सिंह के महल के पास स्थित है। रानी की छतरी में शाही छतरियाँ और सीढ़ियाँ हैं जो शाही तालाब तक जाती हैं, जो कभी आगरा नहर से भरी होती थी। उन्होंने बताया कि 01 करोड़ 06 लाख 989 रुपए की लागत से रानी की छतरी के का जीर्णोद्धार किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों की निर्देश देते हुए कहा कि ऐतिहासिक साइट को साफ़-सुथरा और स्वच्छ बनाए और ऐतिहासिक साइट के आस-पास किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न हो। उन्होंने कहा कि सरकार की संरक्षित धरोहरों के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण परियोजनाओं को पर्यटन की दृष्टिगत लाभकारी बताते हुए कहा कि इससे हमारी युवा पीढ़ी अपने प्राचीन कालीन इतिहास के बारे में जानकारी हासिल कर सकेगी।