Faridabad NCR
कभी खुद काम ढूंढती थी रीना, अब 35 महिलाओं को दे दिया रोजगार
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 14 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला की रहने वाली रीना चंदेल कभी अपने लिए रोजगार ढूंढ रही थी। कई जगहों पर अध्यापन कार्य भी किया लेकिन घर चलाने लायक भी पैसे नहीं मिल पा रहे थे। इसके बाद उसने आरएएफ प्रोजेकट के तहत कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लिया और न्यू आजीविका सेल्फ हेल्प ग्रुप के नाम से महिलाओं का एक स्वयं सहायता समूह खड़ा किया। शुरूआत की कच्चे पपीते के पेड़े बनाने से। बस फिर क्या था, इस पेड़े की मिठास ने ऐसा स्वाद बिखेरा कि रीना आज 35 महिलाओं को रोजगार दे रही है।
सूरजकुंड मेले के थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के गांव गागल की रहने वाली रीना पहली बार सूरजकुंड मेला में अपना स्टाल लगा रही हैं। अपनी देवरानी पूनम रानी के साथ स्टाल नंबर 327 लगाने वाली रीना चंदेल ने बताया कि स्वयं सहायता समूह के तहत उन्होंने चार साल पहले काम की शुरूआत की तो आस-पास के आठ किसानों से पपीते के चौदह सौ पेड़ लगवाए। आंवले की खेती के लिए भी स्थानीय छोटे किसानों को प्रेरित किया। इसके बाद कच्चे पपीते से पेड़े बनाने के साथ-साथ आंवले की बर्फी भी बनानी शुरू की। जब कच्चे पपीते का सीजन खत्म हुआ तो पके हुए पपीते से भी बर्फी बनाई गई। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वयं हमीर उत्सव में रीना देवी के उत्पादों को लांच किया और इसे स्थानीय लोगों व महिलाओं के लिए मार्गदर्शक बताया।
रीना देवी बताती हैं कि उन्होंने धीरे-धीरे काम को बढ़ाना शुरू किया और फिलहाल वह करेला, हरड़, नींबू, लहसून और आम के अचार बनाने के काम में भी काफी आगे बढ़ गई हैं। सूरजकुंड मेले में ही तीन क्विंटल से ज्यादा पपीते के पेड़े बिक चुके हैं। उनका कहना है कि इस काम में फिलहाल 35 महिलाएं जुड़ चुकी हैं और प्रत्येक महिला को महीने में 10 से 12 हजार रुपये की आय हो रही है। उन्होंने बताया कि अब उनके काम को देखते हुए सरकार ने उन्हें स्टार्टअप के तहत 40 लाख रुपये का लोन प्रदान करने की मंजूरी दी है। यही नहीं रीना देवी अब हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ देशभर की महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।