Faridabad NCR
आईएएस रानी नागर के इस्तीफे ने खोली भाजपा के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे की पोल : ललित नागर
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : भारतीय प्रशासनिक सेवा 2014 हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर द्वारा अपने सीनियर आईएएस अधिकारी सुनील गुलाटी पर यौन शोषण व उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिए जाने का मामला अब तूल पकडऩे लगा है। इसी कड़ी में तिगांव विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेसी विधायक ललित नागर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखते हुए इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाने व रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर करने की मांग की है। मंगलवार को सेक्टर-17 स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए ललित नागर ने प्रदेश की मनोहर सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि गुर्जर समाज से ताल्लुक रखने वाली इस बेटी ने 15 दिन पहले ही अपने सोशल अकाउंट पर अपने सीनियर अधिकारी पर यौन उत्पीडऩ, शोषण, जान से मारने की धमकी व अपहरण किए जाने की आशंका जताते हुए इस्तीफा देने तक की बात कही थी परंतु हैरानी की बात तो यह है कि मनोहर सरकार ने इस मामले को कतई गंभीरता से नहीं लिया और आखिरकार भारी दबाव व दुख भरे मन से इस बेटी को अपना इस्तीफा देना ही पड़ा। श्री नागर ने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पानीपत की धरती से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत करते है, जबकि दूसरी तरफ हरियाणा की मनोहर सरकार में जब आईएएस बेटी को ही इंसाफ नहीं मिल रहा तो ऐसी सरकार में आम बेटियां कितनी सुरक्षित है, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कितनी बड़ी विडंबना है कि इस आईएएस बेटी को सरकार की तरफ से न तो घर ही दिया गया और न ही गाड़ी बल्कि सुरक्षा के नाम पर भी इस आईएएस अधिकारी के पास कुछ नहीं है, जबकि नियमानुसार सरकार तहसीलदार से लेकर एसडीएम स्तर के अधिकारी को भी जब सुरक्षा मिलती है तो फिर इस बेटी के साथ भाजपा अन्याय क्यों कर रही है। श्री नागर ने कहा कि जब देश में लाखों बच्चे आईएएस-आईपीएस बनने के लिए दिन-रात मेहनत करते है, तब कुछ बच्चे ही इस मुकाम तक पहुंच पाते है। आज गुर्जर समाज की यह बेटी इतने बड़े औहदे से अपने सीनियर अधिकारी की प्रताडऩा से तंग आकर इस्तीफा दे देती है, इससे शर्मनाक घटना किसी सरकार के लिए नहीं हो सकती। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि वह प्रदेश के सर्वाेच्च पद पर आसीन है और वह कोई भी फैसला लेने में सक्षम है इसलिए उन्हें इस मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए दोनों अधिकारियों को बिठाकर इसे निपटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुर्जर समुदाय पिछड़े वर्ग में आता है और रानी नागर के साथ हुई ज्यादती से मुख्यमंत्री व भाजपा की बेटियों व गुर्जर समाज विरोधी सोच उजागर हो गई है। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि आईएएस रानी नागर द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच करवाकर उन्हें न्याय दिलवाया जाए, अन्यथा लॉकडाउन समाप्त होने के बाद देश का समूचा गुर्जर समाज सडक़ों पर उतरकर अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगा।