Faridabad NCR
अमृता अस्पताल फरीदाबाद में पार्किंसंस डिजीज के लिए ओडिशा के सेवानिवृत्त इंजीनियर की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 20 दिसंबर। फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के न्यूरो साइंसेज विभाग ने ओडिशा सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग से सेवानिवृत्त 65 वर्षीय सिविल इंजीनियर की पार्किंसंस डिजीज के लिए डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) सर्जरी सफलतापूर्वक की।
छह घंटे तक चली इस सर्जरी में मरीज के दिमाग में इलेक्ट्रोड लगाए गए, ताकि कुछ कोशिकाओं और रसायनों को उत्तेजित करने के लिए विद्युत आवेगों का उत्पादन किया जा सके। उत्तेजना की मात्रा को ऊपरी छाती में त्वचा के नीचे रखे पेसमेकर जैसे उपकरण द्वारा नियंत्रित की गई। डॉक्टरों के मुताबिक, सर्जरी पार्किंसंस रोग से जुड़े लक्षणों को कम करने और रोगी के जीवन में काफी सुधार करने में मदद करेगी। इस सफल सर्जरी का नेतृत्व डॉ. आनंद बालासुब्रमण्यम (न्यूरोसर्जरी), डॉ. संजय पांडे (न्यूरोलॉजी) और डॉ. गौरव कक्कड़ (न्यूरो-एनेस्थीसिया) द्वारा किया गया।
अमृता अस्पताल, फरीदाबाद के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. संजय पांडे ने कहा, “मरीज पिछले 15 वर्षों से पार्किंसन बीमारी से जूझ रहा था, हाथों में लगातार झटके के कारण उसके लिए रोजमर्रा के काम करना बेहद मुश्किल हो रहा था। अमृता अस्पताल पहुंचने से पहले मरीज कई दूसरे अस्पतालों में अपने इलाज के लिए जा चुका था। उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमने मरीज को डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी की सलाह दी। इस प्रोसीजर में दो स्टेप शामिल थे, पहला जागृत अवस्था में मरीज के मस्तिष्क के बायलेटरल सब थैलेमिक न्यूक्लियस में इलेक्ट्रोड डाले गए। दूसरे चरण में, मरीज को जनरल एनेस्थीसिया देकर इलेक्ट्रोड को उसके बाएं ऊपरी छाती में रखी बैटरी से जोड़ा गया। सर्जरी के बाद मरीज की हालत बेहतर है और अब वो पहले से सामान्य जीवन जी सकता है।”
मरीज एक मध्यमवर्गीय परिवार से है और ओडिशा सरकार का पेंशनभोगी है। मरीज ने सर्जरी के बाद कहा, मुझे पता था कि पार्किंसंस रोग का कोई इलाज नहीं है, और यह समय के साथ बदतर होता जाता है। सर्जरी के बाद मेरी जिंदगी बदल गई और मेरे लिए चीजें पहले से अलग हो गई हैं। मैं बेहद खुश हूं। अब में पहले से बहुत एक्टिव रहता हूं और अपने रोजमर्रा के काम आसानी से कर पाता हूं। मैं अमृता अस्पताल के डॉक्टरों का आभारी हूं कि उन्होंने इस प्रोसीजर का प्रयास किया और मेरे जीवन को काफी हद तक बदल दिया।
फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख आनंद बालासुब्रमण्यम कहते हैं, “पार्किंसंस रोग, डिस्टोनिया और कंपन न्यूरोलॉजी में देखे जाने वाले सामान्य मूवमेंट डिसऑर्डर्स हैं। भारत में सभी न्यूरोलॉजिकल विकारों में इनका हिस्सा 3-8% है, जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में प्रति 1 लाख आबादी पर इनकी दर 31 से 45 तक है। दुर्भाग्य की बात ये है कि डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) सर्जरी करने की तकनीक बहुत काम सेंटरों में उपलब्ध है और भारत में अधिकांश मरीज इस प्रवाभी इलाज तक नहीं पहुंच पाते हैं। हम पार्किंसंस से पीड़ित रोगियों की मदद करने और उन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद करने की उम्मीद करते हैं।”
यह पहली बार है कि फरीदाबाद के 2600 बेड वाले अमृता अस्पताल में डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सर्जरी की गई है। यह 81 विशिष्टताओं के साथ भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल है, जिसका उद्घाटन अगस्त 2022 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।