Hindutan ab tak special
आरएसएस के संरक्षक डॉ. इंद्रेश कुमार और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने मंदाकिनी बोरा के गीत ‘जय सियाराम- शबरी एपिसोड’ का अनावरण किया
New Delhi Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : मन्दाकिनी प्रोडक्शंस के साथ मन्दाकिनी बोरा अपने बिल्कुल नए आत्मोत्तेजक आध्यात्मिक गीत ‘जय सियाराम- शबरी एपिसोड’ को लेकर तैयार है जिसका रिलीज दिल्ली में आरएसएस के संरक्षक डॉ. इंद्रेश कुमार और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने किया । इस अवसर पर आरएसएस संरक्षक डॉ. इंद्रेश कुमार गाने की तारीफ करते हुए बताया किस तरह भगवान राम भगवान बने लेकिन उनके साथ रहकर लक्ष्मण भगवान नहीं बन पाए उन्होंने गाने को गुनगुनाया भी वही मनोज तिवारी ने बताया कि मंदाकिनी बोरा के गाने वो सुनते रहे हैं मंदाकिनी बहुत सारे भक्ति गीत रिलीज कर चुकी हैं इस समय जब पूरा देश राम के भक्ति में लीन है वैसे मैं उनकी यह गाना राम के प्रति लोगों को और जोड़ेगा। मनोज तिवारी ने आगे बताया की पीएम ने सबको 22 तारीख को हर घर में दीप जलाने को बोला है मंदाकिनी बोरा का या प्रयास भी एक तरह से दीप जलाना ही है इस गाने को मंदाकिनी ने बेहद सावधानीपूर्वक संकल्पित, डिजाइन और व्यवस्थित किया है, जिसका लक्ष्य नए साल के लिए एक सामंजस्यपूर्ण शुरुआत प्रदान करना है। जैसे ही हम नए साल में कदम रख चुके हैं ‘जय सियाराम- शबरी एपिसोड’ एक मनोरम संगीतमय पेशकश के रूप में सामने आता है, जो गहन आध्यात्मिकता और सकारात्मक भावनाओं से गूंजायमान है। इस परियोजना के जरिये मन्दाकिनी बोरा ने संगीत और भक्ति को एक साथ रचनात्मक शक्ति के साथ बुना है और एक ऐसा अनुभव तैयार किया है, जो संगीत की सीमाओं से परे हो। तभी तो अपने गहन गीतों और भावपूर्ण धुनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए मंदाकिनी न केवल तैयार हैं, बल्कि ‘जय सियाराम- शबरी एपिसोड’ की आध्यात्मिक संगीत शैली के साथ एक कालातीत जुड़ाव बनने के लिए तैयार भी हैं।
मंदाकिनी बोरा ने गीत के पीछे अपनी प्रेरणा के बारे में बताया कि ”जय सियाराम’ शृंखला की संकल्पना की सबसे सच्ची प्रेरणा मेरे दादाजी स्व. गिरींद्र नाथ बोरा से मिली। तुलसीदासजी द्वारा रचित संपूर्ण रामचरितमानस का असमिया भाषा में अनुवाद करने वाले मेरे दादा एकमात्र भक्त थे और जहां तक ‘शबरी मिलन’ प्रसंग से शृंखला शुरू करने का सवाल है, तो इसका कारण यह है कि पूरी कथा में यह एकमात्र प्रसंग है, जिसमें प्रभु राम ने शबरी जी को ‘नवधा भक्ति’ के जरिये भगवान से जुड़ने का मार्ग समझाया है। ठीक उसी तरह, जैसे महाभारत में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को और भक्त प्रहलाद ने हिरण्यकश्यप को समझाया था। शबरी मिलन वास्तव में त्रेता युग में भगवान विष्णु के भगवान राम के रूप में अवतार का सार है। मेरा लक्ष्य एक ऐसी संगीतमय यात्रा बनाना था, जो न केवल आत्मा को लुभाए, बल्कि सकारात्मकता और शांति के स्रोत के रूप में भी काम करे। जैसा कि हम नए साल की शुरुआत कर रहे हैं, यह आध्यात्मिक पेशकश सुनने वाले सभी लोगों के लिए खुशी और शांति लाए।’