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Faridabad NCR

स्कूल प्रबंधक नहीं मान रहे हैं एचआरडी के आदेश, अभी भी चल रही है लंबी ऑनलाइन क्लास

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 6 अगस्त। मानव संसाधन मंत्रालय ने स्कूल बंद होने के कारण विद्यार्थियों को दी जा रही ऑनलाइन क्लास के बारे में कुछ गाइडलाइन जारी की थी जिसके अनुसार एनसीईआरटी के सिलेबस के अनुसार नर्सरी, केजी के लिए रोज सिर्फ 30 मिनट की क्लास, एक से आठवीं के बच्चों के लिए 30 से 45 मिनट के दो सत्र और नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए 30 से 45 मिनट के चार सत्र की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी ।हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है  डीएवी स्कूल सेक्टर 14 तथा अन्य कई स्कूल प्रबंधक एचआरडी की गाइडलाइन के विपरीत अभी भी 3 से 4 घंटे की ऑनलाइन क्लास छात्रों को करा रहे हैं जिससे छात्रों को काफी परेशानी हो रही है और उनकी आंखें व स्वास्थ्य खराब हो रहा है। डीएवी स्कूल 14 की प्रिंसिपल ने एक नया नोटिस  निकालकर प्राइमरी व मिडिल छात्रों के लिए 9:30 से 12:30 की 3 घंटे की ऑनलाइन क्लास कराने का मैसेज पेरेंट्स को भेजा है। यह पूरी तरह से एचआरडी द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का उल्लंघन है। पेरेंट्स के पास एक ही मोबाइल फोन होता है छात्र उसी को लेकर के 3 घंटे ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं जिससे पेरेंट्स के पास मोबाइल ना रहने उनको भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।  मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि लोकडाउन से पहले छात्र स्कूलों में बड़े ब्लैक बोर्ड पर दी जा रही पढ़ाई करने के बाद भी ट्यूशन लगाकर अपने होमवर्क व  पढ़ाई को पूरा करते थे यह कार्य अब लोकडाउन के बाद भी हो रहा है।पेरेंट्स ऑनलाइन क्लास के समय अपने बच्चे के पास बैठकर उनकी मदद कर रहे हैं। वैसे भी मोबाइल के दो तीन इंच की स्क्रीन पर पढ़ाई  ठीक प्रकार से हो ही नही सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि ऑनलाइन पढ़ाई की कोई वैधानिक मान्यता नहीं है । स्थिति सही होने पर  फरवरी-मार्च में अगर वार्षिक परीक्षा आयोजित हुई तो उसमें उन बच्चों को भी बैठाया जाएगा जो आज संसाधन की कमी से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर रहे हैं तो फिर क्यों जबरदस्ती बच्चों व उनके अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई के इस मायाजाल में झोंका जा रहा है । नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर भी कहते हैं कि मोबाइल स्क्रीन पर लगातार पढ़ाई करने से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। लगातार स्क्रीन देखने से आंखें कमजोर होने के साथ-साथ मोबाइल की रेडिएशन से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। मंच का कहना है कि 10वीं से 12वीं कक्षा तक के लिए ही ऑनलाइन क्लॉस का प्रावधान होना चाहिए। वह भी एचआरडी द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार। प्राइमरी व  मिडिल क्लास के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई पूरी तरह से बंद होनी चाहिए।
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