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Faridabad NCR

एसडीएम अपराजिता ने बल्लभगढ़ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का किया दौरा

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 1 फरवरी। एसडीएम अपराजिता ने कहा कि बच्चे देश का उज्जवल भविष्य है, यह कड़वी सच्चाई है। इसलिए विद्यार्थी जीवन में छात्र छात्राओं को कड़ी मेहनत, सच्ची लगन और बेहतर मार्गदर्शन से पढ़ाई करेंगे तो निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी। “करत करत अभ्यास के जड़मति होत सूजान, रसरी के आवत जावत पड़ जात सिल पर निशान” इसलिए कड़ी मेहनत से कार्य पढ़ाई का कार्य बेहतर तरीके से करना चाहिए।

एसडीएम अपराजिता आज सोमवार स्थानीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गर्ल बल्लभगढ़ में रैण्डमली चेकिंग के लिए स्कूल में जाकर छात्राओं के साथ बातचीत कर रही थी। उन्होंने कहा कि जिंदगी में क्या बनना है, यह निर्णय जीवन के विद्यार्थी कार्यकाल में ही लेना होता है। माता-पिता और अध्यापकों का सही रूप से सहयोग विद्यार्थी को स्कूल टाइम में ही मिलता है। कॉलेज में पढ़ाई और कंपटीशन की तैयारी कैसे करनी है यह निर्णय भी स्कूल टाइम में ही विद्यार्थी बेहतर रूप से ले सकता है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि सफलता पहले ही चांद से मिल जाए। इसलिए हिम्मत कभी नहीं आनी चाहिए। विद्यार्थी को पारिवारिक, शारीरिक और मानसिक परिस्थितियों के साथ समझौता करके हिम्मत से पढाई का कार्य करना चाहिए। हिम्मत से कार्य करने वाला मनुष्य निश्चित तौर पर सफल होगा। उन्होंने रोल मॉडल के बारे में बोलते हुए कहा कि जीवन में मनुष्य का सबसे बड़ा रोल मॉडल मां होती है। इसके अलावा पिता, अध्यापक और दोस्त भी रोल मॉडल हो सकता है। और यह कतई जरूरी नहीं है कि जीता हुआ व्यक्ति ही रोल मॉडल बने हारा हुआ व्यक्ति भी बेहतर रोल मॉडल बन सकता है। खंड शिक्षा अधिकारी बलबीर कौर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने आप में बदलाव लाने के लिए बहुत सारे कार्य करने होते हैं। स्वयं का बदलाव करके ही मनुष्य अपने परिवार और समाज में बदलाव ला सकता है। सच्ची लगन और कड़ी मेहनत से पढ़ाई करके विद्यार्थी अपना मुकाम हासिल कर सकता है। स्कूल के प्रिंसिपल अशोक कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों को माता-पिता और अध्यापकों से सहयोग लेकर अपने विवेक से काम करके आगे बढ़ना चाहिए। अपने सही आचरण से मां-बाप और अध्यापक का विश्वास मिलता है। विद्यार्थियों को कॉलेज और विश्वविद्यालय के परिवेश में बहुत सारी सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उसके लिए अपने मां-बाप और अध्यापकों का विश्वास जीतना अति आवश्यक है। इस अवसर पर अध्यापिका विभा जैन, संगीता पालीवाल, वीणा, कविता बंसल, रेनू सहित अन्य अध्यापिकाएं और छात्राएं उपस्थित रही।

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