Connect with us

Faridabad NCR

स्वादिष्ट ‘मेथी दाना सब्जी’ बनाकर फरीदाबाद की सीमा सेतुमाधवन ने जीता विजेता का खिताब

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : इस पहल का उद्देश्य पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों के प्रचार के माध्यम से कुपोषण से मुकाबला करना 24 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों से मिलीं 800 से अधिक प्रविष्टियाँ, देश की समृद्ध पाक विरासत का शानदार प्रदर्शन प्रतिष्ठित जूरी ने विविध श्रेणियों में नवीन व्यंजनों को परखा
फरीदाबाद की सीमा सेतुमाधवन ‘मेथी दाना सब्जी’ के साथ विजेता

ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने इडोब्रो इम्पैक्ट सॉल्यूशंस के सहयोग से पाक प्रतियोगिता ‘मेरी पौष्टिक रसोई’ के छठे सीज़न के सफल समापन की घोषणा की। इस अखिल भारतीय पहल का उद्देश्य पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों के उत्सव और प्रचार के माध्यम से कुपोषण से मुकाबला करना है। साथ ही इसका मकसद देशभर में खान-पान की स्वस्थ और बेहतर आदतें अपनाने के लिए समुदायों को सशक्त बनाना भी है। फरीदाबाद, उत्तर प्रदेश की रहने वालीं सीमा सेतुमाधवन ‘मेथी दाना सब्जी’ के साथ खुली श्रेणी की विजेता रहीं।

24 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों से 800 से अधिक प्रविष्टियाँ हासिल हुईं, जिनमें 250 से अधिक कस्बे और शहर शामिल हैं। इनमें लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्रविष्टियाँ और जम्मू और कश्मीर से पहली बार भागीदारी भी शामिल हैं।
50 से 65 वर्ष की आयु वर्ग के व्यक्तियों की ओर से प्रस्तुतियों में वृद्धि दर्शाती है कि पीढ़ियों के बीच पोषण में सुधार के लिए व्यापक प्रतिबद्धता बढ़ रही है।
प्रतिभागियों ने चार श्रेणियों- एनजीओ, पेशेवर, छात्र और ओपन/व्यक्तिगत में अपनी पाक कला का प्रदर्शन किया।
पाक कला की उत्कृष्टता का जश्न एक कड़ी चयन प्रक्रिया, जिसका समापन 25 फाइनलिस्ट्स के साथ रमानाथ पय्याडे कॉलेज ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई में एक भव्य कुक-ऑफ प्रतिस्पर्धा के रूप में हुआ। सेलिब्रिटी शेफ गौतम महर्षि, अनुराधा शेखर, डॉ. बीएमएन कॉलेज के पूर्व वाइस प्रिंसिपल और शेफ योगेश उटेकर, प्रिंसिपल आरपीएच इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटैलिटी स्टडीज सहित एक प्रतिष्ठित ग्रैंड जूरी ने पोषण, नवाचार और खाना पकाने के जुनून पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यंजनों का मूल्यांकन किया।

इस पहल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए, ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर- कॉर्पोरेट सर्विसेस, चेरिल पिंटो ने कहा, “ग्लेनमार्क फाउंडेशन में हमने हमेशा खान-पान संबंधी अपनी समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और इसका जश्न मनाने का प्रयास किया है, क्योंकि आधुनिक जीवनशैली के कारण अक्सर हमारी समृद्ध विरासत प्रभावित होती है। ‘मेरी पौष्टिक रसोई’ के माध्यम से, हमने कुपोषण जैसे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दों को दूर करने में पारंपरिक खान-पान के गहरे असर को सामने लाने की कोशिश की है। यह पहल सिर्फ व्यंजनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हमारे समुदायों के सामने आने वाली पोषण संबंधी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, खान-पान की स्वस्थ और बेहतर आदतों की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में भी काम करती है। संवाद को बढ़ावा देकर और स्थायी खाद्य संस्कृतियों को अपनाते हुए हम देश भर में व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों पर स्थायी और परिवर्तनकारी प्रभाव के लिए प्रयास करते हैं।”

डॉ. बीएनएम कॉलेज की सेवानिवृत्त प्रिंसिपल और जूरी की सदस्य अनुराधा शेखर ने कहा, “रेसिपीज़ न केवल देखने में प्रभावशाली थीं, बल्कि अत्यधिक पौष्टिक, नवीन और प्यार से बनाई गई थीं। फाइनलिस्ट्स ने वास्तव में खाना पकाने और पोषण के प्रति अपने जुनून का प्रदर्शन किया, जिससे जजों के लिए विजेताओं का चयन करना एक मुश्किल काम हो गया।”

इडोब्रो इम्पैक्ट सॉल्यूशंस के चीफ इम्पैक्ट ऑफिसर और एमडी करोन शैवा ने कहा, “यह पहल उद्योग, नागरिक समाज, शिक्षा और सरकार के बीच सहयोग का उदाहरण प्रस्तुत करती है। इन आवश्यक 4 प्रमुख हितधारक समूहों की सहायता से ही हम ‘मेरी पौष्टिक रसोई’ के मकसद को हासिल कर सकते हैं। दीर्घकालिक परिणामों के लिए आपसी सम्मान और विश्वास सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक की भूमिका को समझना और भी महत्वपूर्ण है।” एनजीओ श्रेणी- गुजरात से पवन कुमार ‘बाजरा गुट्टा करी’ के साथ।
व्यावसायिक श्रेणी- झारखंड की सबिता मोहालिक ‘मोरिंगा ड्रमस्टिक पल्प पैटीज़ और केले के फूल की चटनी’ के साथ।
खुली श्रेणी- उत्तर प्रदेश से सीमा सेतुमाधवन ‘मेथी दाना सब्जी’ के साथ। छात्र श्रेणी- महाराष्ट्र से सालिहा चौधरी ‘रागी मुद्दे सोप्पु सर्रू और पल्या’ के साथ।
प्रतियोगिता ने जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को अपने पाक कौशल का प्रदर्शन करने और स्वस्थ भोजन की आदतों को बढ़ावा देने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान किया। कुपोषण से लड़ने के लिए ग्लेनमार्क फाउंडेशन का समग्र दृष्टिकोण बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को लक्षित करता है और विभिन्न कार्यक्रमों और प्रयासों के माध्यम से कुपोषण से लड़ने के लिए एक साथ अनेक मोर्चों पर काम करता है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com