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Faridabad NCR

आधुनिक हरियाणा के निर्माता थे स्व. चौधरी भजनलाल : चुन्नू राजपूत

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. भजनलाल की 11वीं पुण्यतिथि के अवसर पर फरीदाबाद युवा कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष चुन्नू राजपूत द्वारा बल्लभगढ़ स्थित कार्यालय पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित युवा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने स्व. चौ. भजनलाल के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया। स्व. चौ. भजनलाल को नमन करते हुए युवा कांग्रेस नेता चुन्नू राजपूत ने कहा कि वे एक कर्मयोगी, युगपुरूष,  निडर, साहसी, मृदुभाषी, सिद्धांतप्रिय एवं धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया था। वे एक कुशल राजनेता, सुयोगय प्रशासक एवं श्रेष्ठ वक्ता थे और उन्हें हरियाणा की राजनीति का पीएचडी माना जाता था। उन्होंने कहा कि चौ. भजनलाल जी एक साधारण परिवार से निकल कर आए थे, उन्होंने समाज के दबे, कुचलों, पिछड़ों को गले लगाया और लाखों लोगों को रोजगार देकर उनका जीवन स्तर को उठाने का काम किया था। तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने चौ. भजनलाल ने अपने कार्यकाल में ऐसे अनेक जनकल्याणकारी कदम उठाए, जो कालांतर में मील का पत्थर साबित हुए और खासकर फरीदाबाद से उनका खासा लगाव था, यहां से वह सांसद भी चुने गए थे और यहां के विकास को लेकर उन्होंने कभी कोई कोर कसर बाकि नहीं छोड़ी। उनके कार्यकाल के बाद फरीदाबाद में आज तक कोई नया रिहायशी सेक्टर भी नहीं कटा है, इससे साबित होता है कि वह फरीदाबाद के विकास के प्रति कितने गंभीर थे। चुन्नू राजपूत कहा कि पंच-सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री के ऊंचे ओहदे तक पहुंचे चौ. भजनलाल जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। उनकी सोच थी कि छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें राजनीति से जोडऩा जरूरी है, उनके मुख्यमंत्रीत्व काल के बाद आज तक प्रदेश में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए। उन्होंने कहा कि उनके सुपुत्र चौ. कुलदीप बिश्रोई भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए प्रदेश की जनता की आवाज को बुलंद कर रहे है। राजनीति के सभी ऐशो-आराम ठुकराकर श्री बिश्रोई संघर्ष का रास्ता अख्तियार करते हुए लोगों की सेवा में समर्पण भावना से कार्य कर रहे है। इस दौरान उपस्थित कांग्रेसी नेताओं स्व. चौ. भजनलाल के आदर्शाे को अपनाते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प भी लिया।

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