Faridabad NCR
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस के अवसर पर “माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007” पर किया सेमिनार
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 16 जून। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस पर माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 पर सेमिनार बीएस अनंगपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ फरीदाबाद में आयोजित किया गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश कम चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाईएस राठौर के दिशा निर्देशानुसार व मुख्य न्याय दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फरीदाबाद श्रीमती सुकृति गोयल के मार्गदर्शन में यह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में पैनल एडवोकेट ने बीएस अनंगपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के विद्यार्थियों को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस पर बताया कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 बुजुर्गों के लिए सरकार द्वारा बनाया गया है। इसके माध्यम से एक बुजुर्ग अपने बच्चों से भरण पोषण सीनियर सिटीजन ट्रिब्यूनल में एप्लीकेशन देकर ले सकता है। जिसका फैसला ट्रिब्यूनल द्वारा 90 दिन के अंदर अंदर किया जाता है। इस एक्ट के बनने से पहले एक बुजुर्ग के पास भरण पोषण प्राप्त करने के लिए धारा 125 सीआरपीसी व हिंदू एडॉप्शन मेंटेनेंस एक्ट होता था। जिसके अंदर बुजुर्ग को काफी समय लगता था। इस एक्ट के बनने के बाद बुजुर्गों को शीघ्र न्याय मिलता है। इस एक्ट के अंदर यह भी एक प्रोविजन रखा गया है। यदि कोई बुजुर्ग अपनी प्रॉपर्टी इस आशय से अपने बच्चों को ट्रांसफर करता है। वह मेरी देखभाल करेंगे और प्रॉपर्टी ट्रांसफर होने के बाद वे बच्चे बुजुर्ग की देखभाल नहीं करते है तो वह प्रॉपर्टी बुजुर्ग सीनियर सिटीजन ट्रिब्यूनल के माध्यम से वापिस ले सकता है।
इसके अलावा यदि कोई प्रॉपर्टी या मकान बुजुर्ग के अपने नाम पर है और बच्चे उसको तंग करते हैं। तो वह अपनी प्रॉपर्टी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के यहां पर दरखास देकर खाली करा सकता है। इसके अलावा सरकार ने बुजुर्गों के लिए कुछ योजनाएं भी बनाई हुई है। सीनियर सिटीजन कार्ड जिसके बनने पर 10000 तक का मेडिकल फ्री दिया जाता है। बस में सुविधा रेल में सुविधा व हवाई जहाज में सुविधा है। इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकना है। ताकि बुजुर्ग को समय पर न्याय मिल सके और उनका पालन पोषण ठीक प्रकार से हो सके। इस अवसर पर बीएस अनंगपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के वाइस प्रिंसिपल श्री करण गौर ने कहा कि यह सेमिनार कानून के विद्यार्थियों के लिए एक मार्गदर्शन का काम करेगा तथा इस एक्ट के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करेगा। प्रत्येक बुजुर्ग को न्याय मिल सकेगा।
वाइस प्रिंसिपल ने सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर रिटायर्ड अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जयदेव पाराशर, पैनल अधिवक्ता रविन्द्र गुप्ता, राजेंद्र गौतम, रामवीर तंवर, शिवकुमार व ज्ञानेंद्र मलिक उपस्थित रहे।