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Faridabad NCR

डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर भाखड़ी गांव में संगोष्ठी का आयोजन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : महान क्रांतिकारी एवं जनसंघ के संस्थापक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला महामंत्री प्रवीण चौधरी के  भाखड़ी गांव स्थित कार्यालय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे भाजपा हरियाणा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ओमप्रकाश रैक्सवाल व महामंत्री प्रवीण चौधरी ने कार्यकर्ताओं संग मिलकर डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रृद्वांजलि दी। इसके उपरांत भाजपा के पदाधिकारियों व कार्यकताओं को संबोधित करते हुए ओमप्रकाश रैक्सवाल ने कहा कि बंगाल ने कितने ही क्रांतिकारियों को जन्म दिया है, उनमें से एक महान क्रांतिकारी डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी थे। बंगभूमि से पैदा डॉ. मुखर्जी ने अपनी प्रतिभा से समाज को चमत्कृत कर दिया था। उन्होनें कहा कि महानता के सभी गुण उन्हें विरासत में मिले थे। ओमप्रकाश रैक्सवाल ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुख्रर्जी ने अपने ज्ञान और विचारों से तथा तात्कालिक परिदृश्य की ज्वलंत परिस्थितियों का इतना सटीक विश्लेषण किया कि समाज के हर वर्ग और तबके के बुद्धिजीवियों को उनकी बुद्धि का कायल होना पड़ा. अपनी कुशाग्र बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने  कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार संभालने की जिम्मेदारी उठाई। इस मौके पर प्रवीण चौधरी ने कहा कि श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से देशप्रेम और राष्ट्रप्रेम का अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया। उन्होनें कहा कि डॉ मुखर्जी ने संसद में सदैव राष्ट्रीय एकता की स्थापना को ही अपना प्रथम लक्ष्य रखा. संसद में दिए अपने भाषण में उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा था कि राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है। उन्होनें कहा कि वे भारत के लिए शहीद हो गए और भारत ने एक ऐसा व्यक्तित्व खो  दिया जो राजनीति को एक नई दिशा दे सकता था. डॉ. मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि  से हम सब एक हैं, इसलिए धर्म के आधार पर किसी भी तरह के विभाजन के वे सख्त खिलाफ थे। इस अवसर पर कन्नी हवलदार,मंडल अध्यक्ष सतेन्द्र पांडे,अमित आहूजा,आईपी-भाग 2 के प्रधान बालेंद्र कंबोज,आईपी-भाग 3 के प्रधान अशोक काला जी,शालिनी मंगला,मलूचन्द शर्मा,बाबा राजे,धीरज सरपंच,मास्टर तुरमल,करतार सिंह,धीर सिंह फागना,कंवल फागना,ज्ञानचन्द फागना,रतन नंबरदार,राजू फागना,सुशील सेतिया,कपिल शर्मा, धम्मन गर्ग व मनजीत अवाना सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

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