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श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में आयोजित एचाआर कॉन्क्लेव में उद्योग और कॉरपोरेट जगत की कई बड़ी हस्तियों ने किया मंथन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि टैलेंट मैनेजमेंट बेहद जरूरी है। मशीन से एक दशक में बड़ी क्रांति आई है। ज्यादातर चीजें ऑटोमेशन मोड पर आ गई हैं। लागत घटी है, लेकिन गुणवत्ता, उत्पादन और डिलीवरी बढ़ी है। इस दौर में मानव संसाधन का प्रबंधन और विकास भी जरूरी है। श्री नेहरू शनिवार को विश्वविद्यालय में आयोजित एचआर कॉन्क्लेव के उद्घाटन में बोल रहे थे। इस कॉन्क्लेव में उद्योग और कॉरपोरेट जगत की कई बड़ी हस्तियों ने एचआर के बदलते आयामों पर अपने वक्तव्य रखे। विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक प्रोफेसर ज्योति राणा ने एचआर कॉन्क्लेव के उद्देश्यों और उपयोगिता को समाहित करते हुए अवधारणा स्पष्ट की।

अपने उद्घाटन भाषण में कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि पिछले एक दशक में काम करने का तौर तरीका और काम की परिभाषा बदल गई है। वर्क फ्रॉम होम और डिजिटलीकरण के नए आयाम काम के साथ जुड़े हैं। इस बदलते दौर में बहुत से काम मानव से सीधे मशीन पर आ गए हैं। एचआर विभाग के पास अतिरिक्त दायित्व आ गया है। मार्केट को ग्रोथ देने के लिए कर्मियों के एक्सपीरियंस को अधिक समृद्ध बनाने की जरूरत है। साथ ही साथ कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि कोविड के बाद भी कई बड़े बदलाव आए हैं। किसी भी संस्थान की सशक्त और उत्साहित टीम ही उसे आगे ले जा सकती है। हमें बदलाव के लिए तैयार होना होगा और ट्रेनिंग के ऊपर भी फोकस करना होगा।
हीरो मोटोकॉर्प के एचआर हेड धर्म रक्षित ने एचआर की चुनौतियों और जिम्मेदारियों पर अपना वक्तव्य रखा उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए उसके कर्मी उसकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए कर्मियों का उत्थान ही किसी संस्थान का उत्थान कर सकता है। मारुति सुजुकी के कार्यकारी सलाहकार एसवाई सिद्दीकी ने कहा कि सशक्त और उत्साहित टीम ही किसी ऑर्गेनाइजेशन को आगे ले जा सकती है हमें बदलाव के लिए तैयार रहना होगा और ट्रेनिंग भी हमारे एजेंडे में प्रमुखता से होना चाहिए। उन्होंने कोविड के बाद आए बदलाव पर भी चर्चा की।
थॉमस असेसमेंट के हेड कंसल्टिंग डॉक्टर योगेश मिश्रा ने कहा कि कर्मियों का लाभ देखना भी संस्थान का उद्देश्य होना चाहिए। किसी भी लाभकारी काम में उस में जुड़े सभी लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है।
कॉन्क्लेव में डॉक्टर योगेश मिश्रा, सलिल लाल, डॉ. अपर्णा सेठी, समर महापत्रा, डॉ. जीपी राव, सुधांशु सेल्हर पाधी और स्मिता शर्मा ने मानव संसाधन से संबंधित आयामों पर वक्तव्य रखे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक प्रोफेसर ज्योति राणा ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए।
स्किल डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट की चेयरपर्सन डॉ. श्रुति गुप्ता ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डीन डॉ. रणजीत सिंह, डॉ आशीष श्रीवास्तव, डॉ सुरेश कुमार और डॉक्टर निर्मल सिंह सहित फैकल्टी के कई वरिष्ठ सदस्य मौजूद थे।
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