Faridabad NCR
शिल्प महाकुंभ : मिस्र से जुड़ी कलाकृतियां और पिरामिड भा रहे हैं पर्यटकों को मिस्र और भारत की सभ्यताएं पुरातन
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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 17 फरवरी। सूरजकुंड में लगा अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला शिल्पकारों के महाकुंभ के रूप में एक सशक्त मंच बना हुआ है। प्राचीन मिस्र सभ्यता से जुड़ी कला मूर्तियां और आभूषण अपनी विशिष्ट छाप मेला परिसर में छोड़ रहे हैं। स्टॉल नंबर-एफसी 2 में मिस्र की विभिन्न कलाकृतियों के साथ इस मेले में आए मोहम्मद कमल भारतीय सभ्यता और यहां के सामाजीकरण के मुरीद हैं। वे भारतीय सभ्यता को पुरातन सभ्यताओं में से एक मानते हुए यहां के रहन-सहन और खानपान के भी कायल हैं। उन्हें हरियाणवी रहन-सहन भी काफी भा रहा है। उनकी स्टॉल पर मिस्र से जुड़ी मूर्तियों, आभूषणों और पिरामिडों को लोग शो पीस के रूप में खरीद रहे हैं। हरियाणा की धरा पर अपने उत्पादों के साथ पहुंचे कमल ने हरियाणा सरकार की मेजबानी को सराहनीय बताया और कहा कि वे इस व्यवस्थित मेला में देश दुनिया से आए शिल्पकार हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी व पर्यटन मंत्री डा.अरविंद शर्मा का धन्यवाद व्यक्त करते हैं।
मोहम्मद कमल ने बताया कि मिश्र के पिरामिड पूरे विश्व में अपनी एक अद्भुत शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। पर्यटक इनमें अपनी अच्छी खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उनके स्टॉल पर वहां के देवताओं और राजघरानों के राजाओं, रानियों और उनके परिवारों से जुड़े छोटी-छोटी मूर्तियां तथा अन्य सजावटी सामान अच्छा खासा बिक रहा है। उन्होंने बताया कि प्राचीन मिस्र की कला में विश्व के लोग अपनी रुचि दिखाते आए हैं। वहां पर बनाए गए म्यूजियम इत्यादि में जिस तरह की कलाकृतियां रखी हुई हैं, उन्ही को आधार मानकर ये सजावटी सामान तैयार किया गया है, जोकि हस्तकला का नमूना है। उन्होंने बताया कि उनकी स्टॉल पर नदी में उगने वाले पेड़ पपीरूस के पत्तों पर कारीगरी कर पेंटिंग तैयार की गई है जोकि मिस्र के सामाजीकरण को दर्शाती है।
इस स्टॉल पर सूर्य, घोडे, वहां के राजाओं, योद्धाओं, युद्ध और नृत्य से जुड़ी कृतियां उपलब्ध हैं। मोहम्मद कमल ने बताया कि वे दूसरी बार इस मेले में आए हैं। इससे पहले वे कलकत्ता के मेगा ट्रेड फेयर में भी 7 बार जा चुके हैं। उन्होंने परंपराओं को परस्पर आगे बढ़ाने पर इस मेले के आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के साथ-साथ पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा की भी खुले मन से प्रशंसा की और कहा कि यह विभिन्न संस्कृतियों के संवाद का बेहतर प्लेटफार्म है, जहां लोग खुले मन से अपनी संस्कृति को दूसरे के सामने सहेजते हैं।