Faridabad NCR
भारत के कौशल विकास का पथ प्रदर्शक बनेगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय”
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की ख्याति पूर्वोत्तर तक पहुंच गई है। असम विधानसभा के स्पीकर श्री बिस्वजीत दैमारी विश्वविद्यालय का भ्रमण करने और एकीकृत दोहरे शिक्षा मॉडल को समझने दुधौला परिसर पहुंचे। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में स्थापित विश्व स्तरीय लैब देखे और निकट भविष्य में असम के प्रतिनिधिमंडल को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में भेजने की घोषणा की। श्री दैमारी ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्किल एजुकेशन के क्षेत्र में देश के लिए रॉल मॉडल की भूमिका निभाएगा। इस शानदार उपलब्धि के लिए उन्होने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू के विजन और नेतृत्व की सराहना की। श्री दैमारी ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने की पैरवी भी की। कुलपति श्री राज नेहरू द्वारा दोहरे एकीकृत शिक्षा मॉडल पर किए जा रहे काम की असम विधानसभा के स्पीकर श्री बिस्वजीत दैमारी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि देश को जिस एजुकेशन मॉडल की जरूरत है, वह श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में क्रियान्वित हो चुका है। अब देश के दूसरे हिस्सों में भी इस दोहरे मॉडल पर काम करने की जरूरत है। यह भारत का पहला कौशल विश्वविद्यालय है और जिस तरह से इसकी प्रगति है, वह पूरे देश के कौशल विकास का पथ प्रदर्शक होगा। देश का स्किल इको सिस्टम नई शिक्षा नीति के अनुरूप विकसित करने में विश्वविद्यालय अग्रणी है, जो विदेशों की तर्ज पर एक विज़न पर कार्य करता दिखाई दे रहा है। रोजगारपरक शिक्षा की सुनिश्चतता इसके उद्योग आधारित पाठ्यक्रम में निहित लग रही है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही असम सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के भ्रमण पर भेजा जाएगा। असम के इंजीनियरिंग कर चुके विद्यार्थियों को भी शॉर्ट टर्म स्किल कोर्स के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय भेजा जाएगा, ताकि वह स्वयं को स्किल्ड बना सकें। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में स्थापित विश्व स्तरीय लैब और अन्य तकनीकी संसाधनों के अवलोकन से श्री दैमारी इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने बेहद दिलचस्पी के साथ एक-एक चीज की बारीकी से जानकारी ली। विश्वविद्यालय की टीम ने लर्निंग और इनोवेटिव स्किलिंग मॉडल को विस्तार से प्रस्तुत किया, जिसमें इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड लर्निंग, आरपीएल, शॉर्ट टर्म प्रोग्राम, इनोवेटिव स्किल स्कूल, चारों स्किल फैकल्टी द्वारा चलाए जा रहे कोर्स के बारे में बताया गया। श्री बिस्वजीत दैमारी ने कहा कि नया परिसर पूरा हुए बिना इतने कोर्स एक साथ चलाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इस अभूतपूर्व प्रगति का श्रेय उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू को दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक कुशल नेतृत्व के कारण ही संभव हो सकता है। लक्ष्य को केंद्रित कर कोई टीम कितना आगे बढ़ सकती है, यह विश्वविद्यालय इसका अनुपम उदाहरण है। बिस्वजीत दैमारी ने कहा कि वह इसी जिज्ञासा के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को देखने आए हैं कि आखिर देश की पहली स्किल यूनिवर्सिटी कैसी है और वह किस पद्धति पर व्यवसायिक शिक्षा को आगे बढ़ा रही है। इसे देख कर तसल्ली हुई कि देश में कौशल का एक आदर्श तैयार हो गया है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि देश में जहां भी स्किल एजुकेशन और एकीकृत दोहरी शिक्षा मॉडल की स्थापना की आवश्यकता होगी श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय उसमें अपनी भूमिका निभाने के लिए हमेशा तैयार है। श्री राज नेहरू ने कहा कि असम विधानसभा के अध्यक्ष श्री बिस्वजीत दैमारी का श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में भ्रमण असम में स्किल एजुकेशन और एकीकृत दोहरे शिक्षा मॉडल का अध्याय शुरू करने की दिशा में अत्यंत कारगर साबित होगा।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की टीम द्वारा श्री बिस्वजीत दैमार व उनके साथ आए अन्य प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर उप कुल सचिव डॉ. ललित शर्मा, डॉ. जलबीर जाखड़, डॉ. ललित खन्ना, डॉ.शुक्ला, ब्रह्मजीत, कुलदीप, विजय बहादुर और मनीष उपस्थित थे।