Faridabad NCR
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारों के स्टिक समेत 19 चीजों पर रोक, बनाने या बेचने पर 7 साल कैद, 1 लाख जुर्माना
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 01 जुलाई। उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला फरीदाबाद में आज पहली जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, भंडारण व बिक्री पर पूर्णतया रोक हो गई है। एनजीटी द्वारा बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने और वातावरण का स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सरकार एवं एनजीटी द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। डीसी जितेन्द्र यादव ने बताया कि सरकार एवं एनजीटी द्वारा प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 को प्रभावी ढंग से लागू हो गया है। इन आदेशों की अवहेलना पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने का भी प्रावधान किया गया है। सरकार एवं एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्लास्टिक की मोटाई 120 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। इससे कम मोटाई वाले प्लास्टिक की चीजों पर प्रतिबंध रहेगा।
आपको बता दें केंद्र सरकार ने आज 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का ऐलान किया है। सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिसे हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल करते हैं, इन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। बैन किए गए प्रोडक्ट को बनाने या बेचने पर पर्यावरण एक्ट धारा 15 के तहत 7 साल की जेल और 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
देश में प्रदूषण फैलाने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है। केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था। सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें न तो डी-कंपोज होती हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है। ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है।
डीसी जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला में पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से पहुंचने वाले नुकसान के प्रति जनमानस को जागृत करने व बाजार में व्यापारियों व खुदरा विक्रेताओं को पॉलीथिन के विकल्प अपनाने से जुड़ी गतिविधियां भी आरंभ की गई हैं।
उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक है। प्लास्टिक हमारे वातावरण को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। वायु प्रदूषण के साथ साथ प्लास्टिक से जल व भूमि प्रदूषण भी बड़े पैमाने पर होता है। प्लास्टिक के कारण भूजल रिचार्ज भी नहीं हो पाता है। प्लास्टिक कई सालों तक नष्ट नहीं होता है, जिसके कारण सालों तक वातावरण को इसका नुकसान झेलना पड़ता है। हम सभी को ये बात समझनी होगी कि प्लास्टिक ना केवल वातावरण के लिए बल्कि मनुष्य के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि आज एक जुलाई से प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लग गया है। ऐसे में हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण में अपनी और आमजन मानस की सहभागीदारी निभानी है। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन पर रोक न केवल हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी बहुत जरूरी है। प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को लेकर जन जागरण अभियान भी चलाया गया है।
उन्होंने जिला में प्लास्टिक वेस्ट रूल्स का सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि एसयूपी के इस्तेमाल को रोकने के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है।