Faridabad NCR
धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा, व्यायाम न करना किडनी कैंसर का प्रमुख कारण है : डॉ. राजीव सूद
Faridabad Hindustanabtak.com/DineshBhardwaj : किडनी कैंसर रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल जून महीने के तीसरे वीरवार को ‘विश्व किडनी कैंसर दिवस’ मनाया जाता है। इस रोग के बारे में जानकारी देते हुए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में यूरोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के चेयरमैन डॉ. राजीव सूद ने कहा कि खराब जीवनशैली जैसे धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा, व्यायाम न करना किडनी कैंसर का प्रमुख कारण है। कुछ लोगों में किडनी संबंधित यह रोग अनुवांशिक होता है। किडनी कैंसर को रीनल कैंसर भी कहा जाता है। बिना दर्द के पेशाब में खून आना, पेट में दर्द, पेट में गांठ, बिना किसी कारण शरीर का वजन कम होना, हफ़्तों तक बुखार न उतरना, अत्यधिक थकान महसूस होना, पैरों एवं एडियों में सूजन आदि इस रोग की ओर इशारा करते हैं, इसलिए इन लक्षणों का अहसास होने पर तुरंत किसी अच्छे यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें ताकि समय रहते ठीक इलाज हो सके। पेशाब में खून यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (पेशाब के रास्ते में संक्रमण), ब्लैडर एवं प्रोस्टेट कैंसर, मूत्र नली में पथरी, ब्लड थिनर की ओवरडोज के कारण भी आ सकता है। ओपीडी में महीने में लगभग चार-पांच मरीज किडनी कैंसर की समस्या के आते हैं महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
किडनी कैंसर को मात देने के लिए केवल चिकित्सकीय इलाज ही नहीं, मरीज का मानसिक स्तर पर भी स्वस्थ रहना जरूरी है। मजबूत इम्यून सिस्टम और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कैंसर से मुक्ति दिलाने में मदद कर सकती है। मानसिक स्तर पर मजबूत रहकर और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर किडनी कैंसर से ग्रस्त लोग अच्छी गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जी सकते हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि आप नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान एवं शराब के सेवन से दूर रहें, संतुलित आहार लें, शरीर के वजन को नियंत्रित करके रखें, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करके रखें, ताजा फल-सब्जियों का खूब सेवन करें, इससे आपके शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है और कैंसर के जोखिम को कम करने भी मदद मिल सकती है।
अगर आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा है तो साल में एक बार हेल्थ चेकअप और पेट का अल्ट्रासाउंड कराएं, उसमें आसानी से किडनी कैंसर का पता किया जा सकता है। अगर किडनी कैंसर हो भी जाता है तो ज्यादा घबराएं नहीं, आज बेहतरीन चिकित्सीय सुविधाओं एवं आधुनिक तकनीक की मदद से सफल इलाज संभव है। इलाज में सर्जरी, टारगेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी आदि शामिल हैं।