Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, फरीदाबाद में पहली बार एक अत्यंत जटिल और उच्च जोखिम वाली प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई। यह जीवन रक्षक प्रक्रिया एक अंतरराष्ट्रीय मरीज पर की गई, जिसकी दोनों किडनी की धमनी (रेनल आर्टरी) एक बड़ी सूजी हुई महाधमनी (ओरटा) से निकल रही थीं, यह सूजन पैरों की तरफ जाने वाली धमनी तक फैली हुई थी और किसी भी समय फटने का खतरा था, जिससे मरीज की जान को तत्काल खतरा था। अस्पताल के सीएमडी एवं वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एस. एस. बंसल के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने यह दुर्लभ एवं जटिल ‘ फेनस्ट्रेशन ओरटा एन्युरुजम रिपेयर’ तकनीक अपनाई। इस प्रक्रिया में 5 कवर स्टेंट और एक वैस्कुलर प्लग का उपयोग किया गया। प्रक्रिया जनरल एनेस्थीसिया के अंतर्गत की गई तथा चारों एक्सेस साइट्स (दोनों जांघों एवं दोनों भुजाओं की धमनी) के माध्यम से सूजी हुई महाधमनी तक पहुँचा गया। दोनों किडनियों की धमनी में भुजाओं की ओर से विशेष स्टेंट लगाए गए ताकि किडनियों की रक्त आपूर्ति बनी रहे। इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने वाली टीम में डॉ. पंकज इन्गोला (एनेस्थीसिया विशेषज्ञ), ब्रिगेडियर (डॉ.) सुदीप सिंह सिद्धू (वैस्कुलर सर्जन), डॉ. सुबांघी, डॉ. एस. एस. बंसल, डॉ. अंसुल और डॉ. सिद्धांत बंसल (कार्डियोलॉजिस्ट) शामिल थे। डा. एस.एस. बंसल ने बताया कि मरीज को एक दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया, जिसके बाद उसकी स्थिति तेजी से सुधरी। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और अपने देश वापस जाने के लिए तैयार है। यह फेनस्ट्रेशन तकनीक से किया गया पहला ऐसा जटिल केस है जिसमें दोनों किडनियों की सुरक्षा करते हुए बड़ी महाधमनी की सूजन का इलाज किया गया। उन्होंने बताया कि दुनिया के बहुत कम अस्पताल इस स्तर की जटिल प्रक्रिया कर पाते हैं, और यही कारण है कि यह अंतरराष्ट्रीय मरीज विशेष रूप से एसएसबी हॉस्पिटल फरीदाबाद आया क्योंकि यह आधुनिक तकनीक यहाँ उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने डाक्टर्स की टीम पर गर्व है कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मरीज की सफल सर्जरी कर उसे नया जीवन देने का काम किया है।