Faridabad NCR
आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए सूरजकुंड मेले में लगाया स्टॉल
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 29 मार्च। गत 19 मार्च से 35वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले ने भारतीय लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को मनाने के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला पखवाड़े के दौरान लाखों की संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करता है, जिसमें हजारों विदेशी आगंतुक भी शामिल हैं। सूरजकुंड मेला दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला है, जो भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक ताने-बाने की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करता है।
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 35वें अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक स्टॉल भी लगाया है। स्टॉल का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फरीदाबाद के पैनल एडवोकेट और पैरा लीगल वालंटियर्स द्वारा किया जा रहा है। यह स्टॉल आगामी 04 अप्रैल 2022 तक चालू रहेगा। आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों को जानने में मदद करने के लिए उक्त स्टॉल पर पैनल वकीलों और पैरा लीगल वालंटियर्स की प्रतिनियुक्ति की जाती है। इस स्टॉल पर वहीं आवेदन फार्म भरवाकर कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है।
सोमवार को मिस अमिता उदय उमेश ललित धर्मपत्नी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष उदय उमेश ललित ने सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में हालसा द्वारा स्थापित स्टॉल का दौरा किया और कानूनी सहायता की उपलब्धता के बारे में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक कानूनी मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए टीम को प्रोत्साहित किया। मिस अमिता उदय उमेश ललित ने बातचीत करते हुए कहा कि मेला बड़े पैमाने पर कानूनी जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है।
इस वर्ष सूरजकुंड मेले में हालसा द्वारा स्थापित स्टाल की थीम ’’बालिका’’ है। मिस अमिता उदय उमेश ललित ने चुने गए विषय की सराहना की और कहा कि इसे ध्यानपूर्वक चुना गया है क्योंकि यह बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
इसके बाद मिस अमिता उदय उमेश ललित ने लड़कियों के अधिकारों के विषय पर हालसा द्वारा डिजाइन और तैयार किए गए एक पोस्टर का उद्घाटन किया। पोस्टर का उद्देश्य लड़कियों के कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है, जिसमें मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, बाल-विवाह के खिलाफ अधिकार, परिवार के अपमानजनक सदस्यों के खिलाफ अधिकार, संपत्ति का अधिकार, कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ के खिलाफ अधिकार, समान वेतन का अधिकार, थाने में न बुलाने का अधिकार, कन्या-भु्रण हत्या के खिलाफ अधिकार शामिल हैं।
पोस्टर को द्विभाषी भाषा यानी हिंदी और अंग्रेजी दोनों में डिजाइन और मुद्रित किया गया है, क्योंकि यह सभी लोगों को पढऩे और समझने में मदद करेगा। यह पोस्टर सभी वन स्टॉप सेंटरों पर विशिष्ट सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा।
तत्पश्चात मिस अमिता उदय उमेश ललित ने एक कहानी के रूप में हिंदी में डिजाइन और मुद्रित एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) पर एक पुस्तिका का भी उद्घाटन किया।
यह पुस्तिका सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य आपराधिक कानून को गति प्रदान करना है। बुकलेट में प्राथमिकी दर्ज करने के सभी प्रावधानों और उद्देश्यों के बारे में बताया गया है और यह भी बताया गया है कि प्राथमिकी कैसे पुलिस थाने के प्रभारी पुलिस अधिकारी को अपराध की जांच शुरू करने और जल्द से जल्द सबूत एकत्र करने में सक्षम बनाती है।
इसके अलावा विभिन्न सामाजिक कानूनी मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल और कॉलेज के बच्चों द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद के समन्वय से मुख्य मंच के साथ-साथ इस प्राधिकरण द्वारा स्थापित स्टॉल पर नाटक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी प्रदर्शन किया गया।