Faridabad NCR
“सेफ्टी इंजीनियरिंग” पर पांच दिवसीय कार्यक्रम प्रारंभ
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 13 अक्टूबर जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आरईसी अंबेडकर नगर (यूपी) के संयुक्त तत्वावधान से “सेफ्टी इंजीनियरिंग” पर टीईक्यूआईपी-3 पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया है। कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न कॉलेजों के 115 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग ने किया तथा प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने सुरक्षा इंजीनियरिंग पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विभाग को बधाई देते हुए कहा कि सिविल कार्यों में सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि निर्माण महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां श्रमिकों की दक्षता में सुधार और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपकरणों में थोड़ा निवेश दुर्घटना अथवा मानव जीवन की क्षति को रोक सकता है।
निर्माण उद्योग विकास परिषद, फरीदाबाद में वरिष्ठ सलाहकार और सुरक्षा स्वास्थ्य और पर्यावरण के वरिष्ठ लेखा परीक्षक, श्री बी. आर. चैहान ने बिजली एवं वेल्डिंग में खराबी, धूल, कचरा तथा निर्माण उपकरण की विफलता को देखते हुए विभिन्न स्वास्थ्य खतरों से बचने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए उपकरणों की नियमित सुरक्षा जाँच और सुरक्षा कोड का पालन आवश्यक है। सुरक्षा दिशानिर्देशों की नियमित निगरानी के लिए निर्माण और औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा टीम आवश्यक है।
अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड के प्रमुख श्री अमरजीत सिंह अहलूवालिया ने निर्माण क्षेत्र में सुरक्षा पहल पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी प्रबंधित निर्माण कंपनी है जो पूरे भारत में बड़ी परियोजनाओं को संभाल रही है। इतने बड़े प्रोजेक्ट व्यवसाय में भी, यह विभिन्न सुरक्षित विनियमन और सुरक्षा ऑडिट का पालन करके श्रमिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाती है। सेफ्टी ऑडिट एक कंपनी और प्रबंधन की खामियों को बताया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से श्रमिकों की दक्षता में सुधार होता है और दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. एम.एल. अग्रवाल ने सुझाव दिया कि उद्योगों, निर्माण क्षेत्र, विद्युत उपकरण, जल प्रबंधन, प्रक्रिया उद्योग और कोविड-19 में सुरक्षा आजकल सर्वोपरि है। कार्यक्रम के दौरान अग्निशमन के अलावा दुर्घटना की रोकथाम के विभिन्न तौर-तरीकों पर चर्चा की जायेगी। उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के लगभग 15 विशेषज्ञ वक्ता सप्ताह भर के कार्यक्रम के दौरान आमंत्रित व्याख्यान देंगे। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. विशाल पुरी, योगेश मोर्या और डॉ. रजनी सग्गू की देखरेख में किया जा रहा है।