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संवेदनशील मुद्दों को उठाती है लघु फिल्में ‘पैटर्न’ और ‘द टर्बन’ की कहानी

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New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : पीवीआर डायरेक्टर कट में पिछले दिनों दो लघु फिल्मों को मीडिया के समक्ष पेश किया गया। दरअसल, इस खास शो का मकसद रेड कारपेट प्रीमियर में फिल्म दिखाकर मीडिया से इसके बारे में फीडबैक लेना था। इनमें से पहली फिल्म थी ‘पैटर्न’, जिसके निर्माता संदीप कपूर, जबकि निर्देशक सचिन करांडे हैं। ‘पैटर्न’ एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसे स्कूल में बच्चे तंग करते हैं, लेकिन वह अपनी हिम्मत, मेहनत और दिमाग से तंग करने वाले बच्चों को मजबूर कर देता है वे उसके साथ भी आम बच्चों की तरह व्यवहार।
वहीं, दूसरी फिल्म ‘द टर्बन’ 2020 में पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों पर आधारित है जब सीएए और एनआरसी का विरोध हिंसक हो गया था। संदीप कपूर द्वारा निर्मित और रवींद्र सिवाच द्वारा निर्देशित यह फिल्म उन्मादी भीड़ की नासमझ हिंसा की पड़ताल करती है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक मासूम बच्चा किस तरह आतंकी दंगाइयों के भेंट चढ़ जाता है, लेकिन जब दंगाइयों को उसकी असलियत का पता चलता है तो वह भी भौंचक रह जाते हैं।
 कह सकते हैं कि ‘पैटर्न’ किशोर जीवन के अति संवेदनशील मुद्दे को छूता है। निर्माता संदीप कपूर और निर्देशक सचिन करांडे ने इस संवेदनशील विषय को बहुत ही जिम्मेदार तरीके से पेश किया है। दोनों ही फिल्मों में मुख्य भूमिका में कार्तिकेय गोयल ने अपनी उम्र से कहीं आगे बढ़कर बहुत ही सकारात्मक तरीके से अपने किरदारों को निभाया है। दोनों भूमिका में वह जमे हैं। पर्दे पर उन्हें देखकर यह पता ही नहीं चलता है कि यह उनकी पहली फिल्म है।
‘जुगाड़’, ‘अनारकली आरा वाली’ एवं ‘भोसले’ जैसी फिल्म बनाने वाले निर्माता संदीप कपूर ने बताया इन फिल्मों को हम थिएटर और ओटीजी प्लेटफार्म पर रिलीज करने की कोशिश में हैं, लेकिन इससे पहले हम इन फिल्मों को फेस्टिवल में भेजेंगे।
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