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नगर निगम आयुक्त का सख्त निर्देश, प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित कार्य निष्ठा से पूरा करें
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 4 सितम्बर। निगम की अतिरिक्त आयुक्त (प्रथम) सलोनी शर्मा ने टैक्स विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा का अधिकार अधिनियम के अनुसार नागरिकों की पीआईडी संबंधी समस्याओं को समय सीमा में हल करने सम्बन्धी निर्देश दिए।
उन्होंन बैठक में अधिकारियों को जानकारी दी कि नगर निगम फरीदाबाद आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा द्वारा सख्त निर्देश दिए हैं कि प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित सभी कार्यों को पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निगम आयुक्त ने स्पष्ट किया कि पीआईडी, टैक्स रिटर्न, डाटा अपडेट, सेल्फ-सर्टिफिकेशन आदि प्रक्रियाएँ निगम के राजस्व संग्रह और पारदर्शिता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
अतिरिक्त आयुक्त सलोनी शर्मा ने जानकारी दी कि नगर निगम लगातार नागरिक सुविधाओं को और अधिक सुगम बनाने के प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में सभी ज़ोनल टैक्सेशन ऑफिसर्स (ZTOs) और संबंधित टीम को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे जनता से जुड़ी सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराएं और राजस्व संबंधित कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करें।
नगर निगम फरीदाबाद द्वारा यह देखा गया कि ज़ोनल टैक्सेशन ऑफिसर (ZTOs) अधिकतर समय NDC आपत्तियों के निस्तारण में व्यतीत कर रहे हैं, जिससे उनके अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसी क्रम में निगम आयुक्त के आदेशानुसार ज़ोन-वाइज आईडी बनाकर निरीक्षकों के कार्यों का विभाजन किया गया है।
जारी आदेश के अनुसार क्षेत्रीय एवं कर अधिकारी को निम्नलिखित प्रमुख दायित्व सौंपे गए हैं
अतिरिक्त आयुक्त सलोनी शर्मा ने बताया कि निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा के दिशा निर्देश अनुसार प्रत्येक ज़ोन से प्रतिमाह एक करोड़ रुपये की रिकवरी, जिसमें लगभग 1 लाख बकाया वाले यूनिट्स को लक्ष्य बनाया जाएगा, नए आईडी बनाने व पुराने आईडी डिलीट करने का अधिकार, जिसकी मासिक रिपोर्ट संबंधित जॉइंट कमिश्नर से अनुमोदित होगी,50,000 रुपये तक के टैक्स करेक्शन/अपडेशन, विकास शुल्क का अपडेटेशन, इंटीग्रेशन परमिशन का निर्गमन ताकि किसी प्रकार की देरी न हो,चेकर्स ,आईडी में बदलाव हेतु एडमिन अधिकार का उपयोग केवल ZTOs द्वारा, हर माह 30 ग़लत असेसमेंट केस की जांच,सीलिंग/प्रवर्तन संबंधी योजनाएँ तैयार करना,जल विभाग और प्रॉपर्टी टैक्स टीम के बीच वर्क मैनेजमेंट,प्रत्येक ज़ोन में 200 प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट का वितरण/अपडेटेशन, प्रत्येक ज़ोन द्वारा प्रतिमाह 1000 (बिना नाम की प्रॉपर्टी) को अपडेट करना,
नियमित कॉलोनियों से विकास शुल्क की वसूली,
प्रत्येक ZTO अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले निरीक्षकों की आपत्तियों/आईडी का रैंडम निरीक्षण कर मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
निगमायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सौंपे गए दायित्वों का निर्वहन पूरी तत्परता एवं पारदर्शिता से किया जाए ताकि कर वसूली, विकास शुल्क एवं प्रवर्तन संबंधी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जा सकें।
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