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Faridabad NCR

डेंगू के मामलों से निपटने के लिए किए गए हैं पुख्ता प्रबंध: उपायुक्त जितेन्द्र यादव

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 16 दिसम्बर। उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने बताया कि जिला में डेंगू के मामलों और वीबीडी स्थिति के संबंध में  जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

जिला में 45 नियोजन इकाइयां और स्वास्थ्य संस्थान हैं। इनके लिए वेक्टर जनित रोगों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।  इन नोडल अधिकारियों के अधीन क्षेत्र नियोजन इकाईवार वितरण भी किया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला स्तर और पीएचसी स्तर तक आरआरटी का भी गठन किया है।

डिप्टी सीएमओ कम् डेंगू के नोडल अधिकारी डाँ. रामभक्त ने बताया कि उपायुक्त फरीदाबाद की अध्यक्षता में डीएलएमडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी। आईएमए और निजी कॉरपोरेट अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ भी दो बैठकें हुई और निरन्तर सम्पर्क होता रहता हैं।

उन्होंने आगे बताया कि नागरिक/सिविल अस्पताल/बीके में 18 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है, जिसमें अभी कोई मरीज भर्ती नहीं है। इसकी बेड कैपेसिटी को जरूरत के हिसाब से बढ़ाया भी जा सकता है।

ब्लड बैंक सिविल अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट कार्यरत है। जिला में आपातकालीन उपयोग के लिए 10-15 आरडीपी का एक पूल बनाया गया हैं।

डाँ रामभगत ने बताया कि एसडीपी इकाइयों के लिए जीएच गुरुग्राम की एफेरेसिस इकाइयों और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद में एक के साथ गठजोड़ कर रहे हैं।  ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में किसी भी आपातकालीन मांग को पूरा करने के लिए हमारे पास 70 एसडीपी किट आरक्षित हैं।

हमारे पास निजी अस्पतालों और ब्लड बैंकों में 13 अन्य अफेरेसिस इकाइयाँ हैं। जिनमें 253 एसडीपी किट उपलब्ध हैं।

आईडीएसपी लैब, ब्लड बैंक और मॉलिक्यूलर लैब में हमारे तीन एलिसा रीडर काम कर रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा नमूने लिए गए हैं और 21159 का आयोजन किया गया है। इसके अलावा जिला में डेंगू के लिए परीक्षण, जिनमें से 347 सकारात्मक मामले हैं।

डिप्टी सीएमओ ने बताया कि मलेरिया के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए परीक्षणों की कुल संख्या 71509 इनमें स्लाइड्स के 62774 तथा आरडीटी 8735 है। अब तक जिला में मलेरिया के केवल 9 मामले ही सामने आए हैं। इसके अतिरिक्त जिला में स्रोत न्यूनीकरण गतिविधियों के लिए एनआईटी एक, एनआईटी दो, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ क्षेत्रों में प्रत्येक में 10-10 टीमें 40 टीमों को सक्रिय किया है, जिनमें से प्रत्येक में प्रजनन की जांच और स्लाइड तैयार करने के लिए एक एमपीएचडब्ल्यू और एक यूएमएस कार्यकर्ता है।

इन टीमों द्वारा अब तक 233433 घरों की जांच की जा चुकी है और विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले प्रजनन के लिए 6743 नोटिस जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लार्वा को खोजने और नष्ट करने के लिए गहन निगरानी के लिए 10 ब्रीडिंग चेकर्स भी नियुक्त किए गए हैं।

फॉगिंग के लिए हम एमसीएफ के तालमेल करके संपर्क में रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास 5 वाहन लगे हैं और मच्छर घनत्व के अनुसार क्षेत्रों को कवर करने के लिए 35 हाथ से संचालित मशीनें लगाई गई। आपको बता दें 145 स्थायी जल निकाय हैं। जिनमें गम्बूसिया मछली की नियमित जांच की जा रही है और आवश्यकता के अनुसार और भी छोड़े जाते हैं।

आईईसी गतिविधि 500000 पैम्फलेट बांटे गए। बड़े डिस्प्ले आकार 8 गुणा 6 फीट 30 पोस्टर तथा आकार 30 गुणा 20 इंच के एक हजार चिपकाए गए हैं।

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