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परिवार नियोजन विकास का मजबूत मंत्र : उपायुक्त यशपाल

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 24 जुलाई। उपायुक्त यशपाल ने कहा है कि परिवार समाज व देश के विकास में परिवार नियोजन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन का कोई भी एक विकल्प अवश्य अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। पखवाड़े के तहत पुरुष नसबंदी तथा महिला नलबंदी करवा सकती है। परिवार नियोजन के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उपायुक्त यशपाल ने कहा कि आपके कितने बच्चे हों और कब हों यह तय करना ही परिवार नियोजन है। उन्होंने कहा कि बच्चे पैदा करने के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करना चाहते हैं, तो अनके उपलब्ध साधनों में से कोई एक साधन चुन सकते हैं। इन्हीं साधनों को परिवार नियोजन के साधन, बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के साधन या गर्भ निरोधक साधन कहते हैं।

उपायुक्त यशपाल ने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख महिलाएं गर्भधारण, प्रसव, तथा असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण मृत्यु की शिकार हो जाती है। इनमें अनके मौतों को परिवार नियोजन के द्वारा रोका जा सकता है। इस संबंध में उदहारण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन गर्भ धारण के खतरों की रोकथाम कर सकता है। उपायुक्त ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों की प्रसव के दौरान मरने की संभावना रहती है, क्योंकि उनका शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं होता है। कम उम्र की महिलाओं द्वारा पैदा किए गए बच्चों का भी पहले वर्ष में ही मृत्यु हो जाने की आशंका अधिक रहती है। इसके साथ ही गर्भधारण से अधिक आयु की महिलाओं को ज्यादा खतरा रहता है, क्योंकि उन्हें प्राय: अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होती है या उन्होंने पहले ही कई बच्चों को जन्म दिया हुआ होता है। उन्होंने यह भी कहा कि गर्भधारण के बीच के काल में महिला के शरीर को गर्भ धारण के प्रभावों से उबरने के लिए समय चाहिए।

उपायुक्त ने कहा कि 4 या उससे अधिक बच्चे पैदा करने वाली महिला को प्रसव के पश्चात खून बहने व अन्य कारणों से मृत्यु का अधिक जोखिम होता है। परिवार नियोजन के लाभ बताते हुए उपायुक्त यशपाल ने कहा कि परिवार नियोजन से माताएं तथा बच्चे अधिक स्वस्थ होंगे, क्योंकि जोखिम पूर्ण गर्भों की रोकथाम हो जाती है। उन्होंने कहा कि बच्चों की कम संख्या का अर्थ है की प्रत्येक बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा में पोस्टिक भोजन उपलब्ध करवाना है। इसके साथ ही बच्चों के जन्म को टालकर युवा महिलाओं व पुरुषों को अपनी शिक्षा पूरी करने तथा अपना भविष्य सुदृढ़ करने का अवसर व समय मिलता है।

उपायुक्त ने कहा कि अगर बच्चे कम हैं तो आप एक दूसरे व बच्चों के साथ अधिक समय गुजार सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना के अनुसार प्रत्येक नसबंदी करवाने वाले पुरुष को 2000 रुपये, प्रेरक को 300 रुपये, महिला नलबंदी करवाने पर 1400 और प्रेरक को 200 रुपये दिए जा रहे हैं। प्रोत्साहन राशि के अलावा पुरुषों को अलग से उपहार दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़ा 11 जुलाई से 31 जुलाई तक मनाया जा रहा है। इसलिए योग्य दंपतियों को इस पखवाड़े का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या पखवाड़े के तहत परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई तरीकों की सुविधा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही है।

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