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जनसंचार संस्थान के विद्यार्थियों ने 38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला का किया शैक्षणिक भ्रमण

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 22 फरवरी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के 28 विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने 38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प फरीदाबाद मेले का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस शैक्षणिक भ्रमण में संस्थान के जनसंचार, मल्टीमीडिया, ग्राफिक्स एंड एनीमेशन और प्रिंट पैकेजिग के विद्यार्थीगण सम्मिलित रहे। हरियाणा सरकार द्वारा 7 फरवरी से 23 फरवरी तक सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का आयोजन किया गया है, जिसमें देश के समस्त राज्यों और विभिन्न देशों के शिल्पकार अपनी प्रदर्शनी लगाते है, जिससे राज्यों और देशों की संस्कृति व सभ्यता को आगे बढ़ावा मिलता है।
जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर महासिंह पूनिया ने बताया कि 38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में संस्थान के विद्यार्थियों ने अपने कोर्सो के अनुसार प्रैक्टिकल कार्य किया। उन्होंने बताया कि प्रायोगिक कार्यों में फोटोग्राफी, फिचर लेखन, वीडियोग्राफी, कार्टून, एनीमेशन, रिपोर्टिंग, संपादकीय लेखन, कविता लेखन, फोटो कैप्शन, शॉर्ट रील इत्यादि सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि 38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला के प्रचार-प्रसार अधिकारी और जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी फरीदाबाद दिनेश कुमार से विद्यार्थियों की मेला संबंधी गतिविधियों पर चर्चा हुई।
मेला के प्रचार-प्रसार अधिकारी डीआईपीआरओ दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों को हरियाणा की ‘चौपाल’ के दैनिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों, विभिन्न राज्यों की संस्कृति से जुड़े पैवेलियनों, मीडिया सेंटर के आला जनसंपर्क अधिकारियों की तमाम गतिविधियों से रूबरू करवाया। उन्होंने विद्यार्थियों को मीडिया के विभिन्न क्षेत्रों में करिअर संबंधित विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि अपने अध्ययन के दौरान अपनी रचनात्मकता पर जोर दे, क्योंकि आपकी रचनात्कता ही आपको आगे बढ़ाने का कार्य करेगी।
जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर महासिंह पूनिया ने कहा कि 38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में विद्यार्थियों ने हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर को बेहतरीन तरीके के सहेजने का कार्य कर रही ‘विरासत हरियाणा सांस्कृतिक प्रदर्शनी’ का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने सौ वर्ष से अधिक पुरानी लालटेन, बैलों के जुए, बाल्टी, कढ़ाई, बेलन, दूध दुहने वाली रई, हरियाणा का सबसे बड़ा हुक्का, टोकनी, मटका, खेती के कार्यों की विभिन्न प्रकार की जैलिया, तांबे-पीपल के बर्तन, बैलों के घुंघरू, बैलों की नाथ, हल, दो पहिया लकड़ी की गाड़ी, खाट, पलंग, मूढें, हरियाणी स्टाइल के सौफा सेट, पलंग, कुर्सियां, घप्पर, पगड़ी बंधओं-फोटो खिंचवाओं में पर्यटकों की भीड़, अपणा घर का आंगण का अद्वितीय अनुभव का अवलोकन किया तथा इसके साथ ही उसे अपनी फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी से रिकॉर्ड कर रिपोर्टिंग में सम्मलित भी किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के शैक्षणिक और सांस्कृतिक भ्रमणों से विद्यार्थियों की रचानात्कता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही हरियाणा संस्कृति की जड़ों से अधिक से अधिक जुडऩे का अवसर भी मिला है। उन्होंने कहा कि इस एकदिवसीय शैक्षणिक भ्रमण में संस्थान के सहायक प्राध्यापक डा. अभिनव और सुनीता ने विद्यार्थियों के साथ सूरजकुंड मेला का भ्रमण किया और उन्हें अपने कार्यो के प्रति सजग रहने के लिए प्रोत्साहित किया।

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