Faridabad NCR
सिंगल यूज प्लास्टिक को जीवन शैली से बाहर करें छात्रः कुलपति प्रो. तोमर
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :13 जुलाई। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति प्रो सुशील कुमार तोमर ने गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष में छात्रों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने तथा इसे जीवन शैली से पूर्णतः बाहर करने का आह्वान किया और कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति सिंगल यूज प्लास्टिक पर निर्भरता को खत्म कर दें तो यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा बदलाव लायेगा।
प्रो. तोमर विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे पौधरोपण अभियान के तहत एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर भारत सेवा प्रतिष्ठान के चेयरमैन श्री कृष्ण सिंघल मुख्य अतिथि रहे। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय द्वारा जुलाई माह को हरियाली पर्व के रूप में मनाया जा रहा है और इस अवसर को चिह्नित करते हुए वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को वृक्षारोपण अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय आगमन पर प्रो. तोमर ने श्री कृष्ण सिंघल को एक पौधा भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग, डीन (कॉलेज) प्रो. तिलक राज, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो लखविंदर सिंह, एनएसएस समन्वयक प्रो प्रदीप डिमारी, पर्यावरण इंजीनियरिंग की अध्यक्ष (प्रभारी) डॉ रेणुका गुप्ता, श्री दीपक अग्रवाल और डीएसडब्ल्यू कार्यालय एवं वसुंधरा ईसीओ क्लब के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। श्री सिंघल ने विश्वविद्यालय के मुख्य मैदान पर लैगरस्ट्रोमिया का पौधा भी लगाया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री सिंघल ने शिक्षकों को गुरु पूर्णिमा की बधाई दी और कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चंद्र बोस के नाम पर रखा गया है जिन्होंने साबित किया कि पौधों में जीवन होता है। उन्होंने कहा कि मानव जाति और जीवन का अस्तित्व पेड़ों और पौधों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि धरती पर पेड़ों के न होने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जायेगी और जीवन पर संकट आ जायेगा। श्री सिंघल ने कहा कि जब तक काटे गए पेड़ों की संख्या का आकलन करें तो हम पायेंगे कि हमारा लगभग पांच वर्ष का जीवन चक्र पहले ही कम हो गया है। उन्होंने परिवार में प्रत्येक सदस्य द्वारा कम से कम एक पेड़ लगाने की परंपरा शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में कुलपति प्रो. तोमर ने बताया कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए पाठ्यक्रम के दौरान कम से कम पांच पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने को अनिवार्य बनाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसमें छात्रों को उनके द्वारा रोपित और विकास पौधे के प्रमाण के रूप में उसकी जियोटैग तस्वीर एक रिपोर्ट के साथ जमा करनी होगी। इस पहल के माध्यम से विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदार बनाना है, जो समय की मांग है।