Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में एआईसीटीई-वाणी कार्यशाला का सफल समापन
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 20 नवंबर। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय एआईसीटीई-वाणी प्रायोजित राष्ट्रीय कार्यशाला “स्मार्ट शहरों एवं बुद्धिमान गतिशीलता में तकनीकी नवाचार” का समापन हो गया। कार्यशाला हिंदी माध्यम में संपन्न हुई।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. शिव कुमार, महानिदेशक, आईटीडी-इंडिया तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. अतुल राय, सीनियर जनरल मैनेजर, आईटीएस इंडिया फोरम रहे। इस अवसर पर डीन फैकल्टी ऑफ इंफॉर्मेटिक्स एंड कंप्यूटिंग प्रो. मंजीत सिंह, कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. आशुतोष दीक्षित तथा डीन आईक्यूएसी प्रो. कोमल भाटिया भी उपस्थित रहे।
कार्यशाला समन्वयक डॉ. परुल तोमर ने दो दिनों के कार्यक्रम का संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में उत्साहजनक भागीदारी रही तथा पांच राज्यों से 62 प्रतिभागी शामिल हुए, जिनमें इंजीनियरिंग एवं संबद्ध विषयों के फैकल्टी सदस्य, शोधार्थी तथा स्नातकोत्तर छात्र थे। डॉ. तोमरुल ने सभी सत्रों के प्रमुख बिंदु, तकनीकी थीम, उपकरण तथा केस स्टडीज़ का संक्षिप्त सार प्रस्तुत किया तथा सभी वक्ताओं व संसाधन व्यक्तियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
मुख्य अतिथि डॉ. शिव कुमार ने कार्यशाला के सफल आयोजन लिए बधाई दी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में शहर आर्थिक विकास के इंजन हैं, किंतु इन्हें यातायात भीड़, प्रदूषण, सुरक्षा, बुनियादी ढांचे पर दबाव तथा सेवाओं में असमानता जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में स्मार्ट सिटी कोई विकल्प नहीं, अपितु अनिवार्यता है और इंटेलिजेंट मोबिलिटी इसका मूल आधार है। उन्होंने आईओटी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, सेंसर नेटवर्क तथा संचार प्रौद्योगिकियों की स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन, कुशल सार्वजनिक परिवहन, रियल-टाइम सूचना प्रणाली तथा सतत गतिशीलता समाधानों में निर्णायक भूमिका पर बल दिया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. अतुल राय ने एआईसीटीई के वाणी योजना के अंतर्गत ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहन देने तथा विश्वविद्यालय प्रशासन की दूरदृष्टि व आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, सुशासन तथा नागरिक भागीदारी का संयोजन ही सुरक्षित, स्वच्छ, कुशल तथा नागरिक-केंद्रित शहर बना सकता है।
प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए अवधारणाओं की स्पष्टता, विषयों की प्रासंगिकता, हिंदी में तकनीकी चर्चा का अवसर तथा उत्कृष्ट समन्वय की प्रशंसा की। कार्यशाला की सह-समन्वयक डॉ. अश्लेषा गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
